बुरहानपुर(इक़बाल अंसारी) मोहब्बत करने वाले के मुक़द्दर में मोहब्बत ही लिखी होती है। मुमताज़ महल फेस्टिवल के मुख्य सूत्रधार एवं जुनूनी कैफियत के मालिक बुरहानपुर के मशहूर और मारूफ पेंटर मरहूम अशरफ़ पेंटर के चश्मे चिराग़ शहज़ादा मोहम्मद आसिफ़ ख़ान गौरी मोहब्बत का एक मुजस्सेमा (मूर्ति) हैं। गुजिश्ता माह अपनी सर्वगुण संपन्न, संस्कारित और अपने परिवार को एकता के सूत्र में पिरोने वाली शरीके हयात के साथ अपने वैवाहिक वर्षगांठ की हाफ सेंचुरी का सफर कामयाबी के साथ पूरा करने के बाद से शहज़ादा आसिफ़ साहब और उनका पूरा परिवार जिसमें शरीके हयात समाज सेविका रफत आसिफ खान, शायर डॉक्टर वासिफ यार, मशहूर फिल्म डायरेक्टर तबरेज़ आसिफ़ ख़ान, उनके छोटे भाई शकील ख़ान, अज़ान शकील ख़ान सहित पूरा परिवार एक दिवसीय 54 वे मुमताज़ महल फेस्टिवल की तैयारी में दिन रात मसरूफ है और प्रोग्राम को परंपरागत और ऐतिहासिक रूप देने के लिए शहजादा आसिफ़ ख़ान अपनी पूरी एनर्जी इस प्रोग्राम को कामयाब बनाने में लगा रहे हैं। इस काम में उनके बड़े साहबजादे और भारत के ख्याति प्राप्त शायर एवं लेखक डॉक्टर वासिफ यार उनका हाथ बटाकर उनकी आधी जिम्मेदारी को अपने सर ले लिया है।54 वें मुमताज महल फेस्टिवल के आयोजन की जानकारी देते हुए शहजादा आसिफ़ ख़ान गौरी ने इस प्रतिनिधि को बताया कि बुरहानपुर के ऐतिहासिक महत्व के स्थलों ऐतिहासिक स्मारकों की सुरक्षा के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय सेवा सदन महाविद्यालय बुरहानपुर में एक सेमिनार एवं चर्चा का आयोजन किया गया है। शाम 4 बजे राजा जय सिंह की छतरी पर सर्वधर्म अमनो शांति की प्रार्थना सभा आयोजित की गई है। शाम 5:00 बजे मुमताज महल की क़ब्र वाके पाइन बाग में फातिहा पढ़ी जावेगी। रात्री 8 बजे से गुलमोहर मार्केट में अखिल भारतीय मुशायरा एवं कवि सम्मेलन, पुरानी कलाकृतियों व दुर्लभ वस्तुओं की प्रदर्शनी के साथ कार्यक्रम में उन हस्तियों को स्टार ऑफ़ बुरहानपुर एवार्ड देकर उन का सम्मान किया जाएगा जिन्होंने विभिन्न विधाओं में अपने जीवन को समाज सेवा में समर्पित कर समाज को एक नया आयाम देने की कोशिश की है। मुशायरे में स्थानीय शायरों के साथ अखिल भारतीय स्तर के कवि और शायर अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। शहजादा मोहम्मद आसिफ़ ख़ान गौरी, श्रीमती रफत आसिफ़ ख़ान, डॉक्टर वासिफ़ यार, फिल्म डायरेक्टर तबरेज़ ख़ान, मॉडल फरहान खान, शकील खान, अज़ान शकील ख़ान सहित ख़ानवादा ए अशरफ पेंटर ने बेगम मुमताज़ के तमाम आशिकों से इस प्रोग्राम में शिरकत करने और प्रोग्राम को सफल बनाने की अपील की है। शहजादा आसिफ़ ख़ान ने कहा कि उनका एक ही ध्येय है,एक ही मकसद लगभग 53 सालों से रहा है, कि मेरे बुरहानपुर की सर ज़मीन का नाम विश्व के हर देश के नागरिकों की ज़बान पर हो।