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Saturday, Sep 21, 2024
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शैक्षणिक

नगरीय निकाय चुनाव 2022
बुरहानपुर नगरीय निकाय चुनाव में स्थानीय नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर, उपनगर लालबाग बनेगा निगम चुनाव का केन्द्र बिन्दु

इन दिनों कांग्रेस को कमजोर पार्टी बताने का षड्यंत्रपूर्ण प्रचार चल रहा है। इस पार्टी के नेताओ को लेकर भी विचार कुछ इसी तरह के रखे जा रहे है। ताकि शहर के आम मतदाताओं के मन में विपक्षी पार्टी और विपक्षी नेताओं को लेकर निराशा भरी जा सके। बावजूद इसके शहर के आम और खास मतदाताओं का एक वर्ग अब भी सत्ताधारी दल के साथ, मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी के अलावा चुनावी रेस में अपना भाग्य आजमाने की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी पर अपेक्षा भरी नजरो से देख रहा है।
बुरहानपुर नगर निगम का 1989 से 2022 के सफर
पर नजर डाले तो भारतीय जनता पार्टी के 1989 में भारतीय जनता पार्टी के कुल 9 पार्षद निर्वाचित हुए थे। 2009 में भाजपा के 22 पार्षद चुनाव जीते थे जो नगरीय निकाय चुनाव की दृष्टि से अब तक की सबसे अधिक संख्या में है। 2014 में भारतीय जनता पार्टी 2009 की पार्षद जीत की संख्या को दोहरा न सकी इस पार्टी के 5 पार्षद चुनाव हारे और संख्या 17 पर आकर टिक गयी। इस चुनाव में आदरणीय अर्चना दीदी ने एडी चोटी का जोर लगा नकारा उम्मीदवार को जीत की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिए थे।
2022 नगर सरकार के गठन के लिए तीन ध्रुव भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी तैयार है अल्पसंखयक, गणित समय के हिसाब से ढल सकता है। लालबाग में आकलन और समीकरण बनने शुरू हो गए है फेसबुक के नकली संसार में चलने वाला बड़ा वर्ग अब तक मिले लाईक, कमेंट्स के बल पर दावेदारी की ताल ठोक रहा है। फिर भी जो सतही समीकरण उभर रहे है उसमे वार्ड क्रमांक 42 से अतुल राठौर भाजपा कांग्रेस देव ठाकुर, वार्ड क्रमांक 43 भाजपा से आशीष शुक्ला कांग्रेस चंद्रहास शिंदे, वार्ड क्रमांक 44 भाजपा से जय श्री विट्ठल खोसे कांग्रेस से सोनाली रितेश बाविस्कर, वार्ड क्रमांक 45 भाजपा संभाजी सगरे कांग्रेस गज्जू महाजन, वार्ड क्रमांक 46 की तश्वीर धुंधली नजर आ रही 47 से भाजपा से संगीता प्रशांत डोले का नाम चल रहा है इन्होंने पूर्व में पर्यवेक्षक के साथ भाजपा जिला नेतृत्व के सामने दावेदारी भी प्रस्तुत करे है, कांग्रेस से मीना सुरवाडे के नाम को हरी झंडी मिलना तय है। वार्ड क्रमांक 48 श्रीमती लता रुद्रेश्वर एंडोले जी के नाम को प्रमुखता मिल रही है ज्ञात हो रुद्रेश्वर एंडोले ने 2009 में कांग्रेस समर्थित वार्ड क्रमांक 43 में कांग्रेस के कद्दावर नेता लक्ष्मीनारायण शर्मा को हराकर कांग्रेस की नींव को ढीला किए थे। और लंबे अंतराल के बाद भाजपा का गढ़ बनाया इसके सकारात्मक परिणाम यह रहे 2014 में इनकी धर्म पत्नी में फतह हासिल कर कांग्रेस के साथ इनके नेताओ को हासिए पर लाकर खड़ा कर दिया था। उसी जीत के परचम को यहां भी कायम रखने के उद्देश्य से सपत्नीक वार्ड क्रमांक 48 में पिछले 2 साल से सतत जन संपर्क कर विकास कार्य का खाका तैयार कर आम मतदाता के दिलो दिमाग पर भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह फुल को प्रचारित और प्रसारित किए है। इनका मुकाबला अनिता अमर यादव से होना है। अनिता अमर यादव जी भी अजेय किले के रुप में इस गढ़ को सम्हाले हुए है। कांग्रेस के इस दुर्ग को आजादी के बाद से अब तक कोई भेद नहीं पाया है। शब्दिक मायाजाल से बाहर निकलकर पूरे समीकरण देखे तो स्वत: ज्ञात हो जाएगा 2022 के निगम चुनाव और जीत हार का केंद्र बिंदु वार्ड क्रमांक 48 ही रहने वाला है। देखते है जादू काम करता या सुनामी बरकरार रहती है। नेताओ की साख दोनो तरफ दांव पर है।

(राकेश चौकसे)

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