पुरानी पेंशन अभियान मध्य प्रदेश के 5 फरवरी भोपाल भेल दशहरा मैदान में बुरहानपुर जिले से 1000 से अधिक कर्मचारियों ने और प्रदेश के 50,000 से अधिक कर्मचारियों ने भाग लेकर मध्य प्रदेश की सरकार को बता दिया है कि यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं करेगे तो आने वाले समय में सत्ता खोनी पड सकती है। प्रदेश उपाध्यक्ष शालीकराम चौधरी ने बताया कि निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से न्यू पेंशन स्कीम शुरू की गई है जिसका परिणाम आने वाले समय में बुजुर्गों के लिए जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी सेवा शासन को दी भिक्षुक पर बनकर गुजारना पड़ सकता है। पुरानी पेंशन योजना एक स्वाभिमान की जिंदगी जीना सिखाती है और जिस के समर्थन में देश का हर कर्मचारी है हमारे देश में प्रजातंत्र है और जनता जो चाहती है वही होता है किंतु यहां सिर्फ किताबों में होता आया है जनता आज पुरानी पेंशन चाह रही है किंतु यहां जनता को न देकर राजनेताओं ने स्वयं पर लागू कर दिया गया है और कर्मचारियों को इससे दूर रखा है इससे स्पष्ट होता है कि राजनेता स्वार्थ के लिए योजना बनाते हैं और खूब धनाढ्य होकर बैठ जाते हैं, इन्हें पुरानी पेंशन की कोई आवश्यकता नहीं है इनके पास इतना धन है फिर भी ने पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है जबकि एक कर्मचारी पूरे जीवन में अपनी सेवा कर कुछ ही धन जोड़ पाता है अधिक से अधिक उसका कोई एक छोटा-मोटा मकान होता है और कुछ नहीं।
संघ शासन से मांग करता आया है कि शीघ्र निर्णय लेकर पुरानी पेंशन लागू करें उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुधाकर मांकुंदे महेंद्र महाजन विजेश राठौर विजय महाजन शिवलाल पाल इफ्तेखारबक्स अकील अहमद प्रमिला सगरे ज्योति पाटील चारु लता जोशी शालिक चौधरी केतन तारे अतुल उइके आदि के साथ हजारों की संख्या में शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों ने अपनी उपस्थिति देकर न्यू पेंशन योजना का विरोध किया एवं पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की। उक्त जानकारी संतोष निंभोरे
जिला महासचिव ने दी।
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