अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे द्वारा अभियोजित प्रकरण में मा. विशेष सत्र न्याायाधीश श्री आर.के. पाटीदार ने नवजात शिशु को परित्याग करने के प्रकरण में दुष्कर्मी को आरोपी सरदार उर्फ सादरिया पिता गिना उम्र 27 वर्ष निवासी बुरहानपुर , जिला बुरहानपुर को धारा 317,376,506 भा.दं.सं. 5/6 पास्को एक्ट के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10000 रू के अर्थदण्ड. से दंडित किया ।
अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे ने बताया कि, दिनांक 16-08-2020 को फरियादी ने धुलकोट चौकी पर रिपोर्ट दर्ज करवाई की आज मुझे दोपेहर में गावं के गोपाल मेरे पास आया ओर बताया कि उसके लड़के ने उसे बताया कि खेत में किसी बच्चे के रोने की आवज आ रही थी वह खेत पर गया देखा तो एक नवजात शिशु जो कि लड़की रो रही थी उसने गांव के जयराम को बताया ओर जिसने 108 एम्बुलेंस को फोन लगाकर बोमाल के साथ इलाज हेतु भेजा गया कोई अज्ञात महिला नवजात शिशु को परित्याग कर खेत में छोड़ा उक्त रिपोर्ट पर पुलिस चौकी धुलकोट पर धारा 317 भा.द.सं. के तहत अपराध पंजीद्ध किया गया।
अनुसंधान के दोरान उक्त अपराध कि अभियोक्त्रीं को गिरफ्तार किया गया पुछताछ पर बताया कि उसके फुपा आरोपी सरदार उर्फ सादरिया उसके घर आते जाता रहता था वह वहां पर भाड़े से खेती करता था ओर वह अभियोक्त्री के साथ उसके बिना मर्जी के उसके साथ खोटा काम करता रहता था उसके मना करने पर जान से मार देने कि धमकी देता था डर के कारण अभियोक्त्री ने किसी को नही बताई आरोपी सरदार उर्फ सादरिया से उसे गर्भ ठहर गया गर्भ ठहरने वाली बात आरोपी सरदार उर्फ सादरिया को बताई उसने बोला की बच्चा पेदा होने के बाद बच्चे को फेक देना, दिनांक 16-08-2020 अभियोक्त्री को नवजात बच्ची पैदा होने के बाद उसे किसी को बताये बिना सुबह: करिब 5:बजे बोमाल के सोयाबीन के खेत में फेक आई थी। उक्त आधार पर सरदार उर्फ सादरिया को आरोपी बनाया गया आवश्यक अनुसंधान उपरांत आरोपी के विरूद्ध धारा 317,376,506 भा.दं.सं. 5/6 पास्को एक्टं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुरत किया गया।
प्रकरण में अभियोक्त्री एवं आरोपी रिस्तेदार होने से विचारण के दोरान अभियोक्त्री एवं उसके परिवार के सदस्यों ने घटना का समर्थन नहीं किया हैं प्रकरण में अनुसंधान के दौरान अभियोक्त्री व नवजात शिशु एवं आरोपी का डीएनए मिलान हेतु भेजा गया था डीएनए रिपोर्ट में अभियोक्त्री नवजात शिशु कि जैविक माता एंव अरोपी सरदार उर्फ सादरिया जैविक पिता होना पाया गया माननीय न्यायालय द्वारा साक्षीयों के पक्ष विरोधी होने बाद ही मात्र डीएनए रिपोर्ट के आधार पर दोषसिद्धी की है।
प्रकरण महिला एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों से संबंधित होने के कारण गंभीर प्रकृति का है इस कारण से इस प्रकरण में शासन की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे द्वारा की गई , प्रकरण में अभियोक्त्री एवं आरोपी रिस्तेदार होने से विचारण के दोरान न्यायालय के बाहार राजीनामा हो जाने से अभियोक्त्री एवं उसके परिवार के सदस्यों ने घटना का समर्थन नहीं किया हैं प्रकरण में अनुसंधान के दौरान अभियोक्त्री व नवजात शिशु एवं आरोपी का डीएनए मिलान हेतु भेजा गया था डीएनए रिपोर्ट में अभियोक्त्री नवजात शिशु कि जैविक माता एंव अरोपी सरदार उर्फ सादरिया जैविक पिता होना पाया गया मात्र डीएनए रिपोर्ट के आधार पर दोषसिद्धी हुई है।
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