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Saturday, Sep 21, 2024
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अधिकारी/कर्मचारी संगठन बुरहानपुर जिला मध्यप्रदेश संगठन/ समिति/ संघ

बुरहानपुर जिले में भारतीय मजदूर संघ ने मनाया अपना 69 वां स्थापना दिवस ,1955 में रखी गई थी भारतीय मजदूर संघ की नींव

भारतीय मजदूर संघ शून्य से शिखर की ओर- दिलीप इंगले

बुरहानपुर- भारतीय मजदूर संघ का रविवार को नगर के जीनियस इंग्लिश क्लासेस सभागार में अपना 69 वां स्‍थापना दिवस मनाया। कार्यक्रम की शुरूआत भगवान विश्वकर्मा और भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक स्व. दत्तोपन्त ठेगड़ी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से की गई।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता मार्गदर्शक एवं राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आदरणीय दिलिप इंगले जी की गई।

उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि संगठन से जुड़े सभी नेता इसे शून्य से शिखर तक का सफर मानते हैं। कहा कि यह उपलब्धि संघ के एक-एक समर्पित निष्ठावान कार्यकर्ताओं के निस्वार्थ भाव से काम करने का फल है।

23 जुलाई 1955 को प्रसिद्ध श्रमिक नेता स्वर्गीय दत्तोपंत ठेंगड़ी के नेतृत्व में संघ की नींव रखी गई थी।

23 जुलाई 1955 को प्रसिद्ध श्रमिक नेता स्वर्गीय दत्तोपंत ठेंगड़ी के नेतृत्व में संघ की स्थापना मध्‍य प्रदेश के भोपाल में की गई थी। उस समय देश में चार प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठन एटक, इंटक एचएमएस, और यूटीयूसी का श्रमिक बहुल क्षेत्र में दबदबा था। कोयला, इस्पात, बैंक, बीमा, रेल आदि सरकारी उपक्रम के क्षेत्रों में इन्हीं की तूती बोलती थी। ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने बिना किसी प्रवाह के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

वर्ष 1989 का दौर भारतीय मजदूर संघ के लिए अविस्मरणीय रहा। वर्ष 1955 से 1989 तक 34 वर्षों में ही सभी केंद्रीय श्रम संगठनों को पीछे छोड़ते हुए अपने काम के बल पर पहली बार भारतीय मजदूर संघ देश का नंबर एक श्रमिक संगठन बन गया। कहा कि किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं रहने के बावजूद हमेशा स्वदेशी विचारधारा को अपनाया। साथ ही राष्ट्र, उद्योग और मजदूर हित को सर्वोपरि मानकर जो अपना सफर शुरू किया तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज यह संगठन शून्य से शिखर तक पहुंच चुका है।

इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष अंकित वैद्य ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ के कुछ सूत्र इस प्रकार हैं :

देश हित में करेंगे काम, काम के लेंगे पूरे दाम।
नया जमाना आयेगा, कमाने वाला खिलायेगा।
बीएमएस की क्या पहचान, त्याग-तपस्या और बलिदान।
राष्ट्र का औद्योगिकीकरण, उद्योगों का श्रमिकीकरण, श्रमिकों का राष्ट्रीयकरण।

भारतीय मजदूर संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सनखेरे बताया कि यह देश का एकमात्र ऐसा केन्द्रीय श्रम संगठन है जो किसी भी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन से सम्बद्ध नहीं है और न ही कोई अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहायता लेता है। 1996 से देश के पहले क्रमांक के केन्द्रीय श्रम संगठन के नाते भारतीय मजदूर संघ अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के सम्मेलनों में भारतीय श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करता आ रहा है।
इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ सहित मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे|

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