
मध्यप्रदेश में दो दिनों से गर्मी ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है। अचानक तापमान में वृद्धि होने के कारण बच्चों को स्कूल जाने में बहुत तकलीफ हो रही है। भीषण गर्मी के कारण अनेक राज्यों में स्कूलों में या तो अवकाश घोषित कर दिया गया या फिर टाइमिंग चेंज की गई है। मध्यप्रदेश में कुछ जिलों में गर्मी के चलते शालाओं के समय को कलेक्टर ने बदल दिये है।
पन्ना जिले के कलेक्टर ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि वर्तमान में गर्मी के चलते दिन के तापमान में निरंतर वृद्धि होने के कारण छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में जिलांतर्गत संचालित होने वाले सभी शासकीय और अशाासकीय स्कूलों के अध्यापन का समय सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक किया जाता है। वही मुरैना जिले में भी जिला शिक्षा अधिकारी ने कलेक्टर महोदय के अनुमोदन के पश्चात शाला का समय सुबह का निर्धारित कर दिया है। बुरहानपुर जिले में भी गर्मी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। वैसे भी बुरहानपुर जिले में हर साल गर्मी में तापमान अपना रिकार्ड तोड रहा है और इस बार भी गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए और बच्चों तथा शिक्षको के स्वास्थ्य को देखते हुए कई पालकों ने एवं शिक्षक संगठनो के पदाधिकारियों ने भी इस गर्मी में शाला समय के परिवर्तन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उल्लेखनीय है कि इस समय विद्यार्थियों को इस भीषण गर्मी में सुबह 10:30 बजे से शाम 4:30 तक रहना है, कई शालाओं में गर्मी से बचने के लिए कोई पेड या छाँव नही होने के कारण धूप सीधे कक्षा के कमरों में पहुँचती है जिससे और उमस के साथ गर्मी लगती है। इस कारण विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड सकता है तथा उन्हें लू लग सकती है , घबराहट हो सकती है, या स्वास्थ्य सम्बन्धी अन्य विपरित परिस्थितियों हो सकती है। वैसे भी केवल 30 अप्रैल तक विद्यार्थीयों को शाला में आना है उसके बाद 1 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रारंभ होने वाले है। अतः कलेक्टर महोदय से निवेदन है कि बुरहानपुर जिले में भी गर्मी से बचने के लिए सभी शासकीय एवं अशासकीय शालाओं के समय में परिवर्तन कर सुबह लगाने के आदेश देने की कृपा करें।


