प्रदीप राजपूत पिता स्व. घनश्याम उम्र 25 वर्ष मुंबई के गोरेगांव में पेंटिंग का काम करता था। वह 19 अप्रैल 2023 को अपने गांव यूपी गोरखपुर ट्रेन से जा रहा था। ट्रेन के गेट से नीचे गिर गया था। खंडवा रेलवे ट्रेक पर बेहोशी की अवस्था में देखकर उसे आर.पी.एफ. के हेड कांस्टेबल श्री कुशवाह 20 अप्रैल को जिला चिकित्सालय खंडवा के ट्रामा सेंटर में अत्यंत गंभीर अवस्था में लेकर आए थे। मरीज अत्यधिक गंभीर अवस्था में होने के कारण एवं अन्य कोई रिश्तेदार का पता नहीं होने से उसे सिविल सर्जन डॉ. ओ.पी. जुगतावत एवं आर.एम.ओ. डॉ. अनिरुद्ध कौशल की अनुमति से डॉ. एम.एल. कलमें हड्डी रोग विशेषज्ञ द्वारा तत्काल भर्ती किया एवं सभी आवश्यक जांचें करवाने पर उसमें पता चला कि दाएं हाथ की हड्डी एवं मांसपेशियां पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाने से संक्रमित हो चुकी है एवं पैर की फीमर हड्डी भी पूरी तरह से टूट चुकी थी। संक्रमण अधिक होने के कारण डॉ. एम. एल. कलमें एवं उनकी टीम द्वारा 23 अप्रैल 2023 को संक्रमित हाथ को काटकर मरीज की जान बचाई गई तथा मरीज के बाएं पैर की बड़ी हड्डी जिसमें प्लास्टर चढ़ाया गया है। मरीज को जब आर.पी.एफ. के हेड कांस्टेबल जिला चिकित्सालय खंडवा लेकर आए थे, उस समय मरीज को अज्ञात नाम से भर्ती किया गया था, लेकिन बाद में बड़े भाई श्री रजमान एवं पत्नी श्रीमती पूर्णिमा से बात करने पर उनके द्वारा उपरोक्त जानकारी देकर मरीज की पहचान बताई गई। मरीज की हालत में अभी सुधार है एवं ट्रामा सेंटर में भर्ती है। प्रदीप के भाई रजमान द्वारा बताया कि मेरे भाई के परिवार में पत्नी और एक बच्चा है। मेरे भाई को जिला चिकित्सालय में मरणासन्न की अवस्था में आरपीएफ के जवान लेकर आए थे, हमारे परिवार का यहां कोई भी सदस्य ना रहते हुए भी डॉक्टरों द्वारा सही समय पर बेहतर उपचार मिलने की वजह से जान बच गई। यह कहते हुए सिविल सर्जन डॉ. ओ.पी. जुगतावत, आर.एम.ओ. डॉ अनिरुद्ध कौशल, डॉ एम.एल. कलमें हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं नर्सिंग ऑफिसर श्रीमती माया पास्कल एवं अन्य स्टॉफ का आभार व्यक्त किया।
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