शैक्षणिकवर्षीतप करने वाले तपस्वियों का किया बहुमान, विभिन्न प्रस्तुति के माध्यम की तपस्वियों की अनुमोदना by Public Look 24 TeamApril 26, 2022April 26, 20220493 खिरकिया। जैन धर्म के कठिन वर्षी तप करने वाले तपस्वियांे का बहुमान स्थानीन श्वेताम्बर जैन मांगलिक भवन में पारसदेवी कोचर परिवार द्वारा किया गया। लाभार्थी परिवार द्वारा अपनी पुत्रवधु सुनंदा अनिल कोचर का वर्षीतप पूर्ण होने के उपलक्ष्य में अन्य तपस्वियों का बहुमान किया। जिसमें तपस्वी मीनू मेहता, विमलादेवी रांका, राजेष मेहता, सुनंदा कोचर का बहुमान किया। जिसमंे अन्य श्राविका, बच्चो एवं मंडलो ने तपस्वियों की अनुमोदना की। जिसमें श्राविका डिंपल कोचर, लब्धि मेहता, मोक्षी मेहता ने समूह नृत्य, हार्दिक कोचर ने अभिव्यक्ति, चीना विनायक, हितांषी श्रीश्रीमाल ने नृत्य, पूर्वी श्रीश्रीमाल, पूनम कोचर, दिव्या नागड़ा, शालू भंडारी, वंदना विनायक ने सामुहिक नृत्य, संगीता विनायक, वंदना विनायक ने अभिव्यक्ति, महावीर महिला मंडल की डांडिया प्रस्तुति, अनुपमा नाटिका में सविता बाफना, मीनू मेहता, राजश्री मेहता, सुचीता भंडारी, संगीता विनायक, वंदना विनायक, समता महिला मंडल ने स्तवन की प्रस्तुति, वर्षा कोचर, पुष्पा कोचर द्वारा नाटिका की प्रस्तुति दी एवं भावो की अभिव्यक्ति के माध्यम तपस्वियों की अनुमोदना की गई। कोचर परिवार द्वारा सभी तपस्वियों का सम्मान किया। महावीर महिला मंडल एवं समता महिला मंडल द्वारा सुनंदा कोचर का बहुमान किया। कार्यक्रम का संचालन पुष्पा कोचर ने किया। लाभार्थी परिवार की ओर से प्रभावना का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में महावीर महिला मंडल ने भी सहयोग किया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्राविकाऐं मौजूद रही।क्या है वर्षीतपजैन धर्म में वर्षीतप को विशेष माना जाता है। इसका सीधा संबंध जैन समाज के प्रथम तीर्थकर भगवान आदिनाथ जी सेे है। भगवान आदिनाथ जी को ऋषभ देव के नाम से भी जाता है। वर्षीतप के एक दिन दो पहल ही भोजन ग्रहण किया जाता है। जिसमें एक बार सुबह सूर्यादय से बाद और सूर्यास्त के पूर्व तक ही भोजन किया जा सकता है इसी के साथ साथ व्रत के एक दिन निराहार रहा जाता है। जैन समुदाय में वर्षीतप को सबसे बड़ा तप कहा गया है क्योंकि इस में 1 वर्ष में छह महीने से भी अधिक समयकाल के लिए निराहार रहा जाता है। ओर यह तप 2 वर्ष में पूर्ण होता हैफोटो।