बुरहानपुर-स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ खेल के गूर बच्चें सीखते है, लेकिन जिले का एक स्कूल ऐसा भी हैं, जहां छात्राएं सिलाई मशीन भी सिख रही है। यह प्रयास छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने की ओर एक सकारात्मक पहल है। पिछले लगभग 2 माह में छात्राओं ने सिलाई मशीन चलाना सीखी और कई तरह के कपड़ों की सिलाई भी की है। हम बात कर रहे है, शनवारा स्थित शासकीय हाई स्कूल की।
शाला में निःशुल्क सिलाई कक्षा शुरू कर छ़ा़त्राओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि छात्राएं भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकें। सिलाई सिखाने के लिए सिलाई शिक्षिका की भी नियुक्ति की गई है। जिसके मानदेय की व्यवस्था एवं सिलाई मशीन की व्यवस्था गायत्री परिवार एवं विद्यालय में जनसहभागिता से की गई है। सिलाई कक्षा में लगभग 30 छात्राएं सिलाई कार्य सीख रही है। जिसमें 6 वीं से कक्षा 10 वीं तक की छात्राएं शामिल है।
छात्राओं ने कई सारी वस्तुएं बनाना सीखी है। जिसमें थैली, टोपी, नवजात शिशु के कपडे़, फ्रॉक आदि बनाना सीख लिया है। कक्षा 9वीं की छात्रा चन्द्रभागा, संजना एवं कक्षा 7वीं की छात्रा नेहा, बताती है कि शिक्षिकों के द्वारा हमें आत्मनिर्भर बनाने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ सिलाई का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। जिससे हम कई सारी वस्तुएं बनाना सीख रहे है। इस कार्य में शाला परिवार के कैलाश करोले, प्रांजलि विस्पुते, विजय बोरालकर, घनश्याम भास्कर, बरखा गढ़वाल, मनीषा इंगले, मोहिनी ठाकुर, नंदा तारे, रेणुका पावडे़, वैशाली महाजन, शिक्षक-शिक्षिकाएं सहयोग कर रहे हैै।
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