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Saturday, Sep 21, 2024
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धर्म/आस्था बुरहानपुर जिला मध्यप्रदेश

श्री शिव महापुराण कथा का प्रथम दिवस, दृढ़ अभिलाषा, अनन्य भक्ति से शिवजी के साक्षात दर्शन हो सकते है-पंडित प्रदीप मिश्रा

बुरहानपुर। ब्रघ्नपुर (बुरहानपुर) में हो रही श्री शिव महापुराण कथा के प्रथम दिवस पर ही सारे रिकार्ड तोड़ते हुए लाखों की संख्या में पधारे श्रद्धालुआंे की शिव भक्ति को दर्शा रही है। बुरहानपुर सनातन काल से ऋषि मुनियों, संत महात्माओं और सभी धर्मांे के धर्माचार्याें की तपो भूमि रहा है। इसके आसपास अनेक शिवालय पूजे जाते रहे है। जो कि शिव जी के प्रति इस ब्रघ्नपुर क्षेत्र की अनन्य भक्ति का साक्षात दर्शन कर रही है।
यह बात प्रसिद्ध कथा वाचन पंडित श्री प्रदीप मिश्रा (सीहोर) ने बुरहानपुर में श्री शिव महापुराण कथा के प्रथम दिवस कही। श्री मिश्रा ने ब्रघ्नपुर मंे कथा का आयोजन करने वाली श्री शिव महापुराण समिति संयोजक श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) को शिव भक्तों के इस मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र सीमा पर कराए जा रहे इस भक्ति के महासंगम का श्रेय प्रदान किया। पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्री अश्वत्थामा जी के नाम बुरहानपुर की कथा किए जाने का कारण बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र से द्वापर युग (महाभारत कालीन) की अनेक घटनाएं जुड़ी हुई है। स्कंद पुराण में मां ताप्ती की महिमा और ब्रघ्नपुर का महात्म्य मिलता है। अश्वत्थामा जी भगवान शिव के 19वें अवतार हुए और गुरू द्रोणाचार्य की कठौर व अनन्य शिव भक्ति का प्रतिफल रहा कि भगवान भोलेनाथ की कृपा से उनके परिवार में शिवजी स्वरूप में अश्वत्थामा का जन्म हुआ। गुरू द्रोणाचार्य ने शिव आराधना में सदैव महादेव के साक्षात दर्शन की अभिलाषा ही रखी और ऐसी भक्ति तथा श्रद्धा कि भगवान को उनके घर मंे जन्म लेना पड़ा। यह भोलेनाथ ही है जो ‘एक लोटा जल से हमारी सारी समस्या का हल‘ कर देते है। जिसका उदाहरण गुरू द्रोणाचार्य जी रह चुके हैै।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हमको धन के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए और धन के चक्कर में धर्म तो कभी भी मत छोड़ना। हमारा शरीर स्वस्थ है वह जब तक प्राण है तब तक जीव अपने आराध्य शिव की तपस्या कर ले तो बेहतर है। इस शरीर से स्वस्थता रूपी प्राण निकल जाने पर यही शरीर शव हो जाता है? हम जहां रहे वहां श्रेष्ठ बनने का काम करें यहीं साधु स्वरूप है। सन्यासी, तपस्वी होकर ही मनुष्य साधु नहीं बनता, ग्रहस्थ और सांसारिक जीवन जीते हुए भी साधुत्व को पाया जा सकता है
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा स्थल पर उपस्थित श्रोताओं में श्रीमती सुरेखा संतोष सोनार बुरहानपुर की दो बहनों सहित भुसावल आदि स्थानों से पधारी महिलाओं से साक्षात्कार कराते हुए शिव उपासना और श्री शिव महापुराण के उपायों से इनके दुख-दर्दाेे के निवारण की व्यथा-कथा को उपस्थित जनसमूह के समक्ष बताया। श्री मिश्रा ने कहा कि शिव भक्ति और भक्ति का भाव ही भव को तारने के लिए काफी है। आप विश्वास रखो तो शिव जी आपका ध्यान रखेंगे। हमें नेचर पर ध्यान देना होगा, केवल फर्निचर देखने से लाभ नहीं पाया जा सकता। इसलिए फर्निचर नहीं उसके नेचर को देखोंगे तो फायदे में रहोंगे अर्थात् दिखावे की पूजा-पाठ मत करो।
कथा संयोजक एवं पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि भगवान शिव की भक्ति हमें वास्तविकता से परिचय कराती है। वे आशुतोष है, शिव सर्व व्यापी है।
श्री शिव महापुराण कथा के आरंभ में अध्यक्ष माधव बिहारी अग्रवाल व कथा संयोजक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने पूजा-अर्चना कर महाआरती की। श्रीमती चिटनिस ने श्री शिव महापुराण को अपने सिर पर लाकर व्यासपीठ पर विराजमान कराया। कथा में बुरहानपुर के सभी संत, महंत और ब्राम्हण वृंद उपस्थित रहे। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा स्थल पर उपस्थित संत, महंत और ब्राम्हणवृंद को अभिवादन करते हुए भागवताचार्य को प्रणाम किया।
कथा विराम महाआरती सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, उद्योगपति संजय अग्रवाल (टेक्समो), नेपानगर विधायक श्रीमती सुमित्रा कास्डेकर, महापौर श्रीमती माधुरी अतुल पटेल, किशोर पाटिल, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे एवं कांग्रेस जिलाध्यक्ष रिंकु टाक, नगर निगमाध्यक्ष श्रीमती अनिता अमर यादव, ईश्वर चौहान, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनाली प्रदीप पाटिल, शाहपुर नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती साधना विरेन्द्र तिवारी सहित अन्य गणमान्य नागरिकों ने की।

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