हरदा । (मुईन अख्तर खान)हिंदुस्तान की जानी मानी शख्सियत मजलूम बेसहारा लोगों की आवाज़ हर एक मुद्दे को बड़ी बेबाकी के साथ उठाने वाले सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विश्व मानवाधिकार परिषद के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार एहतेशाम हाशमी का देर रात दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से इंतकाल हो गया है । उनके निधन पर विश्व मानवाधिकार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश की मज़लूम बिरादरी के लिए बहुत बड़ा नुकसान है । उनके निधन पर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
चेयरमैन एडवाइजरी बोर्ड
विश्व मानवाधिकार परिषद अनवारुल हक़ राष्ट्रीय अध्यक्ष एम आर अंसारी राष्ट्रीय संगठन सचिव मुईन अख्तर खान महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष हाजी सैय्यद लायक मानवाधिकार कांग्रेस तालिब बेग डॉ सुरेश चन्द्र अमीना शोएब विनित दुबे राजकुमार सिंह ने दुःख व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है ।
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
चेयरमैन एडवाइजरी बोर्ड
विश्व मानवाधिकार परिषद अनवारुल हक़ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एहतेशाम हाशमी साहब ने ना देश के बड़े-बड़े चर्चित मुद्दे उठाए बल्कि उनको सुप्रीम कोर्ट में रखकर इंसाफ दिलाने का काम किया त्रिपुरा में पीड़ित लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए जहां उनको यूएपीए का सामना करना पड़ा, देश झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले हजारों लोगों की लड़ाई लड़ी
हल्द्वानी केस में भी वह सर्वे सर्वा रहे देश का कोई प्रदेश ऐसा नहीं था जहां के पीड़ित लोगों की वह आवाज ना बने हो ।
उन्होंने मजलूम को इंसाफ दिलाने के लिए उन्हें अगर वक्त की सबसे बड़ी ताकत और हुकूमत से टकराना पड़ रहा है तो उन्होंने एक पल के लिए भी नहीं सोचा और अपनी जान माल की परवाह किए बिना वह मैदान में कूद पड़ते थे।
उनके इस बेबाक अंदाज़ और निर्दोषों के लिए किए गए कामों की वजह से देश की विभिन्न संस्थाओं ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया
सुप्रीम कोर्ट और स्टेज से लेकर टीवी डिबेट तक बड़ी बेबाकी के साथ अपनी बात रखते थे
यकीनी तौर पर उनकी कुर्बानियों को हमेशा याद रखा जाएगा
विश्व मानवधिकार परिषद परिवार दुख की इस घड़ी में एहतेशाम हाशमी के परिवार के साथ खड़ा है और हमेशा खड़ा रहेगा ।
विश्व मानवाधिकार परिषद एहतेशाम हाशमी की कमी तो कभी पूरी नहीं कर सकेंगे परन्तु कोशिश करेंगे उनके विचारों को सामने रखते हुए काम करें ।
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