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बुरहानपुर के सीलमपुरा स्थित स्वामिनारायण मंदिर में सुबह से ही भगवान लक्ष्मी नारायण देव के अभिषेक और पूजन के लिए भक्तों का तांता लग जाता है कोई भगवान के अभिषेक के लिए केसर तो कोई दूध तो कोई फल तो कोई नदियों का जल लाता है इस प्रकार भक्तों के द्वारा लाई हुई सामग्री से विशेष अभिषेक कराया जा रहा है इस अभिषेक के दर्शन पूरे संप्रदाय में 30 दिनों तक केवल बुरहानपुर के निज मंदिर में ही करने को मिलते हैं ।
विशेष अभिषेक के साथ साथ पूजन में बैठे पूर्व प्राचार्य नरेंद्र मोदी जिन्होंने अधिक मास क्यों आता है ❓इस पर बल देते हुए बताया कि यह एक प्रकार का गणित ही है जिसमें हिंदू कैलेंडर के हिसाब से वर्ष 355 -356 दिनों का ही हो पाता है वही अंग्रेजी कैलेंडर 365- 66 दिनों का रहता है इस प्रकार हर वर्ष 10 दिन बढ़ते रहते हैं और 3 वर्षों में यह 30 दिन बढ़कर अधिक मास बनता है, इसी का कारण है कि दीपावली एक बार नवंबर में और लगभग 2 बार अक्टूबर माह में आती है यदि ऐसा ना हो तो दीपावली कभी गर्मी में तो कभी बारिश में तो कभी ठंड में आएगी ,इसीलिए शास्तत्रियो ने भी गणित लगाकर इसे 30 दिन का अधिक मास बनाया, वही यह भी बताया कि जब भी कोई नई नौकरी में आता है तो उसे अपनी पहली तनख्वाह भगवान के चरणों में समर्पित करना चाहिए, यह ज्ञान केवल संतों के आशीर्वाद और प्रेरणा से ही संभव है जो व्यक्ति अपनी पहली कमाई का दान कर देता है तो उसे भगवान उसका सैकड़ों गुना और वह भी यदि अधिक मास में दान करता है तो उस दान का करोड़ गुना फल मिलता है ।
वही कथा के नौवें दिन व्यासपीठ पर विराजमान शास्त्री राजेन्द्र प्रसाद दास जी ने कहा कि –
हमारे स्वामी और मोक्षदाता लक्ष्मीनारायण देव जो कि हमारे निज मंदिर में विराजित है इनके दर्शन मात्र से ही हमारी मनोकामनाए पूर्ण हो जाती है ,हम सभी पर भगवान की कृपा है , हमने कोई उग्रतप , अनुष्ठान ,व्रत नही किये फिर भी हमे लक्ष्मी नारायण देव का आशीर्वाद मिल रहा है,
जीवन मे सुख की 2 राह है सत्संग और भगवान की प्राप्ति, जो सत्संग को प्राप्त करता है उसके जीवन में कभी दुख नहीं होता और दूसरा जिसे भगवान की प्राप्ति हो जाती है तो वह चौरासी में नहीं घूमता ,उसे सीधे अक्षरधाम मिलता है पूर्वजन्म का पुण्य जब उदित होता है तो उन्हें भगवान मिलते है।जिन पर भगवान,और संतो की कृपा होती है तो उनके सारे पाप जलकर खाक हो जाते है,पुरुषोत्तम मास में यदि हम पवित्र नदियों में स्नान करें ,तो हमे भ्रूण हत्या जैसे पापो से मुक्ति मिल जाती है।
12 हजार वर्षो तक गंगा में स्नान करने के फल के समान पुरुषोत्तम मास में नदी में स्नान करने के समान है,ताप्ती मैया की महिमा बताई और कहा कि जिसमे स्नान करते समय सभी को भगवान, रिश्तेदारों और साधु-संतों को स्मरण कर स्नान करना चाहिए तो बहुत उनके आशीर्वाद से अधिक फल मिलता है,
इस पुषोत्तम मास में जप,तप,आराधना,स्नान करें तो जीवन मे दुखो से मुक्ति मिलती है
वही मंदिर के महंत कोठारी स्वामी पी पी स्वामी ने कहा कि जीवन में कुछ पाना है तो रोज सुबह जल्दी उठ कर भगवान के नित्य दर्शन और पूजन करना चाहिए तभी उसका जीवन सफल हो पाता है,
मंदिर प्रवक्ता गोपाल देवकर ने कहा कि रोजाना सैकड़ों हरि भक्त भगवान लक्ष्मी नारायण देव के अभिषेक और पूजन का लाभ लेने के लिए मंदिर पहुंचते हैं, वही इस मौके पर मुख्य रूप से पूर्व प्राचार्य नरेंद्र मोदी ,सेवक दास शाह, रामकिशनदास मिस्त्री ,रणछोड़ भाई शाह, समाज अध्यक्ष वी पी शाह ,उपाध्यक्ष अशोक जी शाह ,भारत भूषण देवकर ,शरद भाई देवकर ,नटवर शाह, शैलेश शाह ,विपिन शाह, सुनील शाह ,सुमित शाह,व अन्य गणमान्य भक्तों के साथ साथ भक्ति महिला मंडल की महिलाएं भी अधिक संख्या में उपस्थित रहे