अपराध/ आरोप / क्राईम3 साल की मासूम के साथ गंदी हरकत करने वाले ऑटो ड्राइबर को 20 साल का कठोर कारावास by Public Look 24 TeamMay 29, 2022May 29, 20220382 ग्वालियर:- श्रीमती आरती शर्मा, अनन्यत विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम ग्वालियर ने आरोपी वसीम खान पुत्र सत्तार खान उम्र 32 वर्ष निवासी सेवा नगर नूरगंज आटे वाली मस्जिद के पास किला गेट को धारा 5(एम)/6 पोक्सो एक्ट में दोषसिद्धि पाये जाने पर 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 20000/. रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई।अभियोजन की ओर से सफल पैरवी अति0 जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री अनिल मिश्रा, एडीपीओ श्री अभिषेक मैहरोत्रा एवं सहायक जिला लोक अभियेाजन अधिकारी श्रीमती कल्पना यादव द्वारा की गई थी।एडीपीओ श्री अभिषेक मैहरोत्रा ने प्रकरण के संबंध में जानकारी देते हुये बताया कि फरियादिया द्वारा पुलिस थाना ग्वालियर में उपस्थित होकर शिकायती आवेदन दिया था कि दिनांक 23/10/2020 को सायंकाल रात्रि करीब 08:30 बजे के लगभग उसकी 3 साल की मासूम बेटी( अभियोक्त्री) सेवानगर में स्थित माता के दर्शन करने गई थी। 15-20 मिनट बाद लौटकर आयी तो अभियौक्त्री ने अपनी दादी को बताया कि ऑटो वाले अंकल ने उसे जबरन ऑटो में बिठा लिया और अभियौक्त्री की पेशाव की जगह पर हाथ लगाकर गंदी हरकत की। ये बात सुनकर पीडित की दादी उसे ऑटो वाले के पास लेकर गई तब पीडित ने आरोपी की तरफ हाथ करके बताया कि इसी अंकल ने उसे ऑटो में जवरदस्ती बिठाकर गलत हरकत की है।ऑटो मालिक के भतीजे से पीडिता की दादी ने जब ऑटो वाले का नाम पूछा तो उसने उसका नाम वसीम पुत्र सत्तार खान बताया था। फिर आरोपी वसीम मौके से फरार हो गया। पीडिता की मॉ की शिकायती आवेदन पर थाना ग्वालियर पुलिस ने आरोपी वसीम पुत्र सत्तार के विरूद्ध थाने के अपराध क्रमांक 647/2020 अंतर्गत धारा 376 भादवि एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मामला पंजीवद्ध किया था। मामले की विवेचना दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था। प्रकरण में मासूम बालिका की साक्ष्य तथा अन्य साक्षियो द्वारा घटना के संबंध में दिये गये कथनों एवं अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्को व न्याीयदृष्टांतो के आधार पर माननीय न्यायालय ने आरोपी वसीम पुत्र सत्ता्र खान के विरूद्ध मामला प्रमाणित पाया और उसे धारा 5(एम)/6 पोक्सोे एक्ट में दोषी पाकर 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 20000/. रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई।श्री अभिषैक मैहरोत्रा