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चित्रकूट के बहुचर्चित श्रेयांश – प्रियांश हत्या कांड में तीन आरोपियो को चार बार व दो आरोपियों को दोहरा आजीवन कारावास

जिले के बहुचर्चित एवं सनसनी खेज अपराध के मामले में अपर सत्र न्या‍याधीश प्रदीप कुमार कुशवाह (ए0डी0 कोर्ट) सतना म0प्र0 की अदालत ने सभी पांच आरोपियो को दोषी पाया है ।

तीन आरोपी पदमकांत , राजू और लकी को धारा 302 , 364 ए , और 328 , 201 , 120 बी भादवि0, 25/27 आयुध अधिनियम एवं 11/13 एडी एक्ट के तहत दोषी पाया गया । जिन्हे दोनों बच्चों को छोडने के लिए धन प्राप्त करने की धारा 364ए भादवि0 के तहत अलग-अलग आजीवन कारावास तथा उक्त दोनों बच्चों की हत्या करने के लिए आजीवन कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया है इस प्रकार आरोपीगण पदमकांत शुक्ला्, राजू द्विवेदी एवं लकी तोमर को दोनों बच्चों के व्यापहरण व दोनों बच्चों की हत्या के लिए चार बार आजीवन कारावास एवं प्रेत्येक आरोपी को 14 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 170000-170000/- रूपये (एक लाख सत्तर हजार रूपये) के जुर्माना की सजा सुनाई गई । उक्त सजाये पृथक-पृथक भुगताये जाने का आदेश पारित किया गया। वही आरोपी विक्रमजीत सिंह और अपूर्व यादव को धारा 120बी, 364 ए, 328, 25/27 आयुध अधिनियम एवं 11/13 एडी एक्ट के तहत दोषी पाया गया जिन्हे प्रेत्येक बच्चे के व्यापहरण के लिए आजीवन कारावास अर्थात दोहरे आजीवन कारावास, 11 वर्ष के सश्रम कारावास तथा प्रेत्ये‍क आरोपी को 65000-65000/- रूपये (पैंसठ हजार रूपये) के दण्ड‍ से दण्डित किया गया । उक्त‍ सजाये पृथक-पृथक भुगताये जाने का आदेश पारित किया गया। अर्थात एक सजा समाप्त होने के पश्चात आरोपियों द्वारा दूसरी सजा भुगती जायेगी।

अभियोजन मीडिया प्रभारी हरिकृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि, अभियुक्त गण पदमकांत शुक्ला, राजू द्विवेदी, विक्रमजीत सिंह, आलोक उर्फ लकी तोमर, अपूर्व उर्फ पिंटा यादव एवं मृत रामकेष यादव ने फरियादी बृजेष रावत के जुडवां बच्चों प्रियांष व श्रेयांष के व्यपहरण एवं हत्या करने का आपराधिक षडयंत्र किया तथा फिरौती में मिलने बाली रकम का हिस्सा भी अभियुक्तगणों ने आपस में बाटने के लिये तय किया। उक्त षड्यंत्र के अग्रसरण में दिनांक 12.02.2019 को सदगुरू पब्लिक स्कूल चित्रकूट , सतना से फरियादी बृजेश रावत निवासी रामघाट चित्रकूट जिला कर्वी उ0प्र0 के जुडवां बच्चों प्रियांष रावत व श्रेयांष रावत का व्यपहरण फिरौती के लिये अभियुक्तगण पदमकांत एवं राजू ने पिस्टल की नोक पर स्कूल बस से कर लिया तथा उक्त दोनो बच्चो को मोटर साइकिल पर बीच में बैठा कर वहां से लगभग 1 किमी. दूरी पर जो सूनसान इलाका था जहां पर अभियुक्त लकी तोमर ने किराये का कमरा लिया था जो कि रामानंद नगर में स्थित था वहॉ पर पहले से मौजूद अपराधी विक्रमजीत सिंह एवं लकी तोमर मौजूद थे और पदमकांत शुक्ला एवं राजीव द्विवेदी ने उक्त दोनो बच्चो को उन्हें सुपुर्द कर वहॉ से भाग गये । वहां पर कमरे के अन्दर बच्चों की देखभाल लकी और राजू ने की तथा पदमकांत और विक्रम खाना पीना पहुचाते थे तथा बच्चों को शांत रखने के लिये सुनिद्रा गोली खिलाते थे। बच्चो के व्यपहरण होने की जानकारी मिलने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट फरियादी बृजेश रावत ने थाना नयागांव (चित्रकूट) में कराई थी ।

दिनांक 13.02.19 को राजू और पदमकांत फरियादी से फिरौती की मांग करने के लिये बांदा उ0प्र0 गये और वहां पर एक राहगीर का फोन मांगकर फरियादी बृजेश रावत से दो करोड रू0 की फिरौती की मांग की । इस बीच पुलिस की सर्चिंग लकी तोमर के किराये के कमरे के आस पास ज्यादा होने लगी तब अभियुक्त पदमकांत, राजू, लकी और विक्रम ने बच्चों को सुनिद्रा गोली खिलाकर जब वह बेहोश हो गये तो अलग अलग बोरियो में भर कर दिनांक 16.02.2019 को पदमकांत शुक्ला के पिता को रघुवीर मंदिर के सामने सद्गुरू ट्रस्ट के द्वारा दिये गये कमरे में शिफ्ट कर दिया, तथा चित्रकूट एवं आसपास के इलाके में पुलिस का दवाब बढने पर दिनांक 17.02.19 को अभियुक्त पदमकांत शुक्लाप ने अतर्रा में जाकर रवि त्रिपाठी से किराये का कमरा लिया और अभियुक्त राजू, लकी, पदम और विक्रम ने दोनो बच्चों को अलग अलग दो बोरो में भरकर दो अलग अलग मोटर साइकिल पर बीच में बैठाकर अतर्रा के किराये के कमरे में शिफ्ट कर दिया जहां पर लकी और राजू ने बच्चों की देखभाल की।
दिनांक 18.02.2019 को राजू और लकी बांदा उ0प्र0 रेल्वे स्टेशन जाकर राजू ने एक राहगीर बाबूखान का मोबाइल मांग कर फरियादी बृजेश रावत से फिरौती के सम्बंध में बात की तो फरियादी अपने बच्चों से बात कराने की बात कही तब दिनांक 19.02.19 को लकी तोमर ने अपने मोबाइल पर कॉलिंग एप के माध्यम से बच्चों की बात फरियादी बृजेश रावत से लगभग 10-15 सेकेण्डे तक कराई आरोपी ने इसलिये कॉलिंग एप से बात कराई ताकि उसका मोबाइल नं0 फरियादी के मोबाइल पर ना पहुंचे और उनकी पहचान उजागर न हो सके आरोपी राजू द्विवेदी एवं फरियादी बृजेश रावत से हुई बातचीत में 20 लाख रूपये लेकर फरियादी को चौसड़ बल्लान जिला बांदा उ0प्र0 बुलाये थे। दिनांक 19/20.02.19 की दरिमियानी रात को फरियादी अपने मित्र मनोज पाण्डेकय के साथ 20 लाख लेकर चौसड बल्लान गया जहां पर मुसलमानों की बारात आयी हुई थी तथा उन्हीं बारातियों में आये अलग अलग व्यक्तियो से मोबाइल फोन मांगकर राजू और लकी तोमर ने फरियादी से संपर्क किया था तथा फरियादी ने 20 लाख रूपये वहीं पर पुलिया में रख दिये जिसे राजू और लकी ने उठा लिया और बच्चों को बाद में छोडने के लिये फरियादी से कहा। अभियुक्तगणों ने फिरौती की रकम मे से अपना अपना हिस्सा बाट लिया परन्तु उन्होंने बच्चों को छोडा नहीं। दिनांक 21.02.2019 को अभियुक्त पदमकांत, राजू और लकी ने बच्चों को सुनिद्रा गोली खिलाकर बोलेरो से यमुना नदी के औगासी घाट जिला बांदा ले गये तथा बच्चों का गला दबाकर हत्या कर दी तथा बच्चों के शव को जंजीर, जाली एवं पत्थर से बांधकर औगासी घाट जिला बांदा में बच्चों के शव को फेंक दिया।

       दिनांक 23/02/2019 को सर्वप्रथम आरोपी राजू द्विवेदी को उसके घर ग्राम भभुआ थाना मरका जिला बांदा से गिरफ्तार कर पूंछताछ की गई और साथ ही साथ आरोपी लकी उर्फ आलोक तोमर को अर्तरा जिला बांदा से तथा अन्यछ बाकी चारो आरोपी गण को  दिनांक 23/02/2019 एवं 24/02/2019 की दरमियानी गिरफ्तार किया गया और उनसे पूंछताछ की गई आरोपी पदमकांत शुक्ला राजू द्विवेदी एवं लकी तोमर की निशानदेही पर उनके बताये स्था न से दोनो बच्चो  का शव दिनांक 24/02/2019 को भोर में रिकव्ह र / जप्त किया गया तथा बच्चोा के शव पोस्टमार्टम के लिये बांदा जिला अस्पताल भेजा गया । उक्‍त मामले की प्रारंभिक विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी उपनिरीक्षक के0पी0 त्रिपाठी के द्वारा की गई लेकिन मामला गंभीर प्रकृति का होने के कारण आगे की विवेचना दिनांक 26/02/2019 से सतना जिले में पदस्थ  सीएसपी व्हीा0 डी0  पाण्डेाय द्वारा की गई लेकिन उसी दौरान उनका स्थानातरंण जिला शहडोल में हो जाने के कारण आगे की सम्‍पूर्ण विवेचना निरीक्षक संतोष तिवारी की गई जिसमें आरोपीगण के विरूद्व धारा 341, 364, 364 ए , 344, 347, 328, 368, 302, 201, 102, 120बी भादवि0, 25/27 आयुध अधिनियम एवं 11/13 म0प्र0 डकैती व्यपहरण एवं अपहरण अधिनियम के तहत मई 2019 में न्या यालय में प्रस्तुत की गई । 

      उक्त चिन्हित जघन्य सनसनीखेज अपराध में प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना नयागांव में दर्ज होने के उपरान्त तत्कालीन डीजीपी / संचालक लोक अभियोजन भोपाल श्री राजेन्द्र कुमार ने तत्काल विवेचना में सहयोग के लिये विशेष दल का गठन करते हुये फखरूद्दीन आज़मी वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी को निर्देशित किया था ताकि विवेचना के दौरान कोई साक्ष्य़ एकत्रित होने से छूट न जाए और विवेचना में कोई त्रुटि न रह जाए इस पूरे मामले की विवेचना अभियोजन अधिकारी के मार्गदर्शन में विवेचक द्वारा की गई । इस प्रकरण में शासन की ओर से उपस्थित होने के लिये गणेश प्रसाद पाण्डेय अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी को तत्का लीन डीजीपी / संचालक लोक अभियोजन मध्यपप्रदेश भोपाल राजेन्द्र कुमार ने आदेशित किया था जिसके अनुक्रम में गणेश प्रसाद पाण्डेय द्वारा उक्त अपराध में विचारण न्या्यालय के समक्ष अभियोग प्रस्तुत करवाया, आरोप तर्क प्रस्तुत किया, ट्रायल प्रोग्राम प्रस्तुत किया एवं प्रारम्भ के 24 अभियोजन साक्षियों के कथन इनके द्वारा कराये गये। तत्पश्चात डीपीओ  रामपाल सिंह के मार्गदर्शन में धर्मेन्द्र सिंह सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सतना के द्वारा विचारण न्यायालय के समक्ष आगे अभियोजन का संचालन किया गया। धर्मेन्द्र सिंह के द्वारा 50 अभियोजन साक्षियों के कथन न्यायालय में करवाये तथा बचाव पक्ष द्वारा पेश किये गये 18 साक्षियो का प्रतिपरीक्षण किया गया तथा विचारण के अंत में  उनके द्वारा प्रकरण में लिखित में अंतिम तर्क एवं दण्ड के प्रश्न पर मौखिक बहस प्रस्तुत किया । उक्त प्रकरण में मध्यप्र देश अभियोजन सेवा के रेगुलर कैडर जिला सतना में पदस्थ अभियोजन अधिकारी डीपीओ रामपाल सिंह के मार्गदर्शन में अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी गणेश प्रसाद पाण्डेय एवं धर्मेन्द्र सिंह सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ने अभियोजन का संचालन किया था एवं फख्‍रुद्दीन आज़मी ने विवेचना के दौरान उक्त प्रकरण के विवेचना अधिकारियों को सहायता प्रदान की थी। उक्त अपराध एक ऐसा अपराध था जिसमें घटना के विषय में सुनने एवं पढ़ने वाले की अंतरात्मा को उद्वेलित एवं आक्रोशित कर दिया था। 

क्र0 नाम धारा सजा जुर्माना
01 पदमकांत शुक्ला 148 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
364ए/149 भादवि0 आजीवन कारावास 50000/-
344/149 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
328/149 भादवि0 05 वर्ष 5000/-
302/34 भादवि0 आजीवन कारावास 100000/-
201 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
02 राजू द्विवेदी 148 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
364ए/149 भादवि0 आजीवन कारावास 50000/-
344/149 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
328/149 भादवि0 05 वर्ष 5000/-
302/34 भादवि0 आजीवन कारावास 100000/-
25/27 आयुध अधिनियम 03 वर्ष 1000/-
201 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
03 आलोक उर्फ लकी तोमर 147 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
364ए/149 भादवि0 आजीवन कारावास 50000/-
344/149 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
328/149 भादवि0 05 वर्ष 5000/-
302/34 भादवि0 आजीवन कारावास 100000/-
201 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
04 विक्रमजीत सिंह 147 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
364ए/149 भादवि0 आजीवन कारावास 50000/-
344/149 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
328/149 भादवि0 05 वर्ष 5000/-
05 पिन्टा उर्फ अपूर्व यादव 147 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
364ए/149 भादवि0 आजीवन कारावास 50000/-
344/149 भादवि0 03 वर्ष 5000/-
328/149 भादवि0 05 वर्ष

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