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Saturday, Sep 21, 2024
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शैक्षणिक

इलेक्ट्रोल वोटर लिस्ट में अनुचित तरीके से नाम हटाने की शिकायत

खिरकिया।चुनाव में महिलाओं की समान भागीदारी के लिये 50 फीसदी वार्ड महिलाओं के लिये आरक्षित किये जाने के प्रावधान के बाद राजनीति के क्षेत्र में एक ओर महिलाओं की सक्रियता में इजाफा हुआ है,वही दूसरी ओर राजनीति के क्षेत्र में अपनी दावेदारी करने वाली महिला प्रत्याशी को अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया गया है। ऐसा ही एक मामला खिरकिया नगर परिषद में देखने को मिला है, जहां नगरीय निकाय चुनाव में वार्ड की वोटर लिस्ट से ही दावेदार का नाम विलोपित कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
वार्ड क्रमांक 04 निवासी आवेदक नेहा दुआ पति रवींद्र दुआ खिरकिया ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए बताया कि उनका विवाह रविंद्र दुआ निवासी खिरकिया से दिसंबर 2007 में संपन्न हुआ था,तब से वे अपनी ससुराल खिरकिया में ही निवासरत है। तत्पश्चात उनका नाम खिरकिया की मतदाता सूची में जोड़ा गया और वे क्षेत्र में होने वाले सभी चुनावों में अपने मतदान के अधिकार का उपयोग करते आ रही हूं।नेहा दुआ ने अवलोकन हेतु आधार कार्ड, पासपोर्ट एवं मतदान पहचान पत्र की प्रति भी आवेदन के साथ संलग्न की है। वर्ष 2020 में तहसील खिरकिया, जिला हरदा में नगर परिषद अध्यक्ष के चुनाव संपन्न होना थे,किंतु कोविड-19 महामारीवश उक्त चुनाव उस समय नहीं संपन्न हो सके। उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार नगर परिषदों के चुनाव होने वाले हैं,जिसके तहसील खिरकिया के चुनाव दिनांक 06 जुलाई 2022 को संपन्न होना तय किया गया है। इस हेतु समस्त आवश्यक कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है।आवेदिका नेहा दुआ ने बताया कि उनके पति रविंद्र दुआ खिरकिया में भाजपा के लोकप्रिय नेता हैं तथा अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे।खिरकिया के वार्ड क्रमांक 04 में नगर परिषद के अध्यक्ष का पद अनारक्षित महिला कोटे में आया है। इसलिए उनके द्वारा अध्यक्ष पद हेतु चुनाव प्रक्रिया में भाग लेना तय किया गया था।आवेदिका ने समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर भी संलग्न की है ।आवेदिका ने शिकायत में बताया कि अंतिम मतदाता सूची दिनांक 04 जून 2022 को वेबसाइट पर अपलोड हुई थी। जिसके अवलोकन में उन्हें यह ज्ञात हुआ कि नेहा दुआ व उनकी भाभी ज्योति दुआ के नाम मतदाता सूची में से हटा दिए गए हैं। जबकि परिवार के सभी सदस्यों जैसे पति रवींद्र दुआ व ससुर मदनलाल और सास कृष्णा दुआ के नाम मतदाता सूची में है।ये समस्त एकतरफा कार्रवाई उन्हें उक्त पद हेतु चुनाव से वंचित करने हेतु विपक्षी राजनीतिक व्यक्तियों के निर्देश की गई है।आवेदिका का आरोप है कि उनका नाम मतदाता सूची से हटाने संबंधी समस्त कार्रवाई बिना उनकी जानकारी के अनुचित तरीके से की गई।जो कि उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। उनके द्वारा पूर्व में 2013 में संपन्न हुए चुनाव में मतदान किया गया है। इसके उपरांत 2019 से पूर्व एवं उसके बाद वर्ष 2019 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव एवं 2020 के इलेक्शन में भी अपने मतदान का उपयोग किया गया है। आरक्षण प्रक्रिया होने से नगरीय क्षेत्र महिला कोटे में आ गई है, जिससे उनके पति चुनाव में भाग नहीं ले सकते हैं और वे उक्त क्षेत्र में महिला कोटे से चुनाव प्रक्रिया में भाग न ले सके,इसलिए उक्त समस्त कार्रवाई विपक्षी पति के निर्देश पर मेरे नाम हटाने संबंधी समस्त कार्रवाई मनमाने तरीके से संपादित की गई है तथा आवेदिका ने इस संबंध में मांग की है, कि उक्त प्रकरण की जांच की जाएं और उनका नाम अनुचित तरीके से मतदाता सूची से हटाने वाले संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाए। और उनका एवं उनकी भाभी ज्योति दुआ का नाम मतदाता सूची में सम्मिलित करने हेतु उचित निर्देश संबंधित विभाग को दिए जावे।जिससे उनका नाम सूची में शामिल हो सके और वे अध्यक्ष पद हेतु होने वाले चुनाव में भाग ले सकें।
इनका कहना है —
मेरे द्वारा बीते लोकसभा विधानसभा नगरी निकाय चुनाव में अपने मतदान का उपयोग किया गया है लेकिन इस बार की मतदाता सूची में मेरा नाम नहीं है । भारत का नागरिक होने के चलते मुझे नगरी निकाय में मतदान का अधिकार प्रदान किया जाए ।
नेहा दुआ , शिकायतकर्ता

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