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Saturday, Sep 21, 2024
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धर्म/आस्था बुरहानपुर जिला मध्यप्रदेश

मां वाघेश्वरी ग्रामोदय मेले में हो रहे है विभिन्न स्पर्धाएंऔर सांस्कृतिक कार्यक्रम, मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का लगा तांता

बुरहानपुर। मां वाघेश्वरी ग्रामोदय मेले में प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्तगण पहुंचकर माता के दर्शन कर रहे है और आयोजित मेले, स्पर्धाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही यहां लगी दुकानों और झूलों का आनंद ले रहे है। पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) मुख्य रूप से उपस्थित रह रही है। श्रीमती चिटनिस चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों तक मंदिर प्रांगण में ही कुटिया में रूकी हुई है।
रन फार प्रकृति का हुआ आयोजन
रविवार प्रातः मां वाघेश्वरी मंदिर से बंभाड़ा स्थित शिव पर्वत तक रन फार प्रकृति दौड़ का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी, खिलाड़ियों सहित युवतियों, युवकों ने भाग लिया। इसमें प्रथम पुरस्कार 5100, द्वितीय पुरस्कार 4100, तृतीय पुरस्कार 3100 एवं चतुर्थ पुरस्कार 2100 सहित 5 अगले प्रतिभागियों को 1100-1100 रूपए पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए जाएंगे।
गरबा रास प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
शनिवार रात्रि में मां वाघेश्वरी ग्रामोदय मेले मंे भव्य डांडिया रास प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमांे की प्रस्तुति दी। उक्त प्रस्तुतियों ने उपस्थितजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भव्य डांडिया रास प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 15001, द्वितीय पुरस्कार 11001 एवं तृतीय पुरस्कार 7001 रूपए पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए जाएंगे।
कपास की वैज्ञानिक खेती एवं कीट व रोग प्रबंधन विषय पर हुई कार्यशाला
रविवार दोपहर कपास की वैज्ञानिक खेती एवं कीट व रोग प्रबंधन विषय पर कार्यशाला हुई। केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र नागपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.रामकृष्णा ने कपास की वैज्ञानिक खेती विषय पर कपास उत्पादन के नवीनमत तकनीकों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बुआई के नए तरीकों और पोषक तत्वों के समुचित एवं संतुलित उपयोग के बारे में जानकारी दी। डॉ.रामकृष्णा ने बताया कि खेत में आवश्यकता से अधिक शस्य क्रियाएं नहीं करनी चाहिए और न ही खेत में कपास के डंठल को जलाना चाहिए। क्योंकि इन सबसे खेत में उपस्थित बायोंमास कम होता है। जिससे खेत में ओर्गनिक कार्बन एवं पोषक तत्वों की कमी आती है। इससे फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
कीट विज्ञान केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, नागपुर के डॉ.बाबासाहब फंड ने कपास फसल में कीट प्रबंधन विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि फसलों में रस चुसक कीट तथ डेंडू छेदक कीट की समस्याएं बहुत बड़ी है। हालांकि बीटी कपास आने के पश्चात केवल रस चुसक कीट ही फसल के मुख्य शत्रु है। उन्होंने रस चुसक कीट के प्रबंधन के लिए आवश्यक सुझाव दिए।
कृषि महाविद्यालय खंडवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक (कीट विज्ञान) डॉ.सतीष परसाई ने कपास में रोग प्रबंधन विषय पर संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश में कपास उत्पादन की जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में कपास का उत्पादन खरगोन, धार, बड़वानी, खंडवा, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर और झाबुआ में प्रदेश का 95 प्रतिशत कपास लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि बीटी कपास आरंभ से ही कृषकों द्वारा उसके उत्पादन के साथ दी गई शर्तों का परिपालन नहीं किया गया। इस कारण पिछले 5-6 वर्षों से फसल में गुलाबी इल्ली की पुर्नउत्पत्ति हुई है। उन्होंने कहा कि इस समस्या पर किसानों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कपास में फुलपड़ी, फूल आना आरंभ होते ही प्रति एकड़ दो फीरोमोन प्रपंच लगाए। इन प्रपंचों में एकत्रित होने वाली नर पंखियों की निगरानी करें। प्रत्येक रात प्रपंच में आने वाली नर पंखियों की गिनती कर उन्हें नष्ट करें। इन फीरोमोन प्रपंच में जब लगातार तीन रात प्रति प्रपंच औसत 8 या 8 से अधिक नर पंखिया आए तब खेत से अगले दिन बिना किसी भेदभाव के 20 हरे घेटे को तोड़कर उनमें गुलाबी इल्ली की उपस्थिति को देखे। यदि इन घेटों में से दो या अधिक में इल्ली की उपस्थिति पाई जाती तब कीटनाशक का छिड़काव आरंभ करें। आरंभ में कम विषय ले एवं कम बजट कीटनाशक जैसे प्राफेनोफास, क्यूनलफास या क्लोरपायरीफास का छिड़काव करें। नवंबर माह में अधिकमत कीट प्रकोप होने पर तेज विषेले महंगे कीटनाशक जैसे एमामेक्टिन वेन्झोएट या क्लोरएंट्रापाल, लेम्डा सयहलेथ्रिन का छिड़काव करें।
कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जबलपुर के निदेशक डॉ.एस.आर.के.सिंह ने भी उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए अपनी बात रखी।
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) भोपाल पर प्रवास पर होने के कारण उन्होंने कार्यशाला को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जब भी दुनिया में कपास की बात आती है तो दुनिया के देश भारत की ओर कपास के लिए अपेक्षा की दृष्टि से देखते है। हम अप्रैल माह में कपास को लेकर एक वृहद कार्यशाला करेंगे। जिसमें देशभर के वैज्ञानिकों और उद्यमियों की चर्चा-परिचर्चा करवाई जाएगी।
कार्यशाला में जिला पंचायत अध्यक्ष गंगाराम मार्को, जिला पंचायत कृषि समिति अध्यक्ष किशोर पाटिल, जिला पंचायत सदस्य अशोक पटेल, गुलचंद्रसिंह बर्ने, किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजू पाटिल दापोरा, जनपद पंचातय अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रदीप पाटिल, मुकेश शाह, गफ्फार मंसूरी सहित बड़ी संख्या में कृषकगण उपस्थित रहे।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत करेंगे प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन
27 मार्च 2023 सोमवार को प्रातरू 11 बजे गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मां वाघेश्वरी ग्रामोदय मेला में दो दिवसीय प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण सत्र का वर्चुअली उद्घाटन करेंगे। ज्ञात रहे ग्रामोदय मेले में 27 और 28 मार्च 2023 को प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण होंगा।

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