बुरहानपुर। आदिशक्ति के पर्व चैत्र नवरात्रि के अवसर पर बुरहानपुर के ग्राम धामनगांव में नव वर्ष गुड़ी पड़वा 22 मार्च 2023 से शुरू हुआ मां वाघेश्वरी ग्रामोदय मेले का समापन 30 मार्च 2023 श्री राम नवमी को हुआ। प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्तजनों ने श्रद्धा भक्ति भाव से आराधना, पूजा-अर्चना, स्तुति व आरती उतारी तथा माता के दर्शन किए। पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) की उपस्थिति एवं मार्गदर्शन में मेले में प्रतिदिन खेल स्पर्धाओं के साथ ही कृषि संगोष्ठी, कार्यशालाओं सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। अंतिम दिवस देर रात तक सुप्रसिद्ध भजन गायिका शहनाज अख्तर के कार्यक्रम ने समां बांध दिया। भक्ति गीतों, भक्ति की बहती अविरल धारा के बीच वातावरण भक्तिमय बना रहा। वहीं ग्रामोदय मेला अंतर्गत आयोजित खेलकूद प्रतियोगिताओं के विजेताओं, उपविजेताओं सहित प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए गए। प्रतिदिन ग्रामोदय मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली।
ग्रामोदय मेले में महिलाओं एवं बच्चों के लिए मीना बाजार, झुले, चौपाटी, मिक्की माउस, ऊंट, घोड़े, कुल्फी, आईस्क्रीम, बर्फ के गोेले की दुकानों सहित युवक, युवतियों की पसंदीदा कपड़ों की दुकानें इस आयोजन की मुख्य विशेषता रही। ग्रामोदय मेला अंतर्गत प्रतिदिन जनजागृति कार्यक्रम अंतर्गत अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रतिदिन क्रिकेट, कबड्डी प्रतियोगिता के साथ ही बालिकाओं के लिए कबड्डी प्रतियोगिताएं सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
मुझे चढ़ गया भगवा रंग पर झूमे हजारों श्रोता
मां वाघेश्वरी ग्रामोदय मेले के अंतिम दिवस सुप्रसिद्ध भजन गायिका शहनाज अख्तर के कार्यक्रम ने समां बांध दिया। कार्यक्रम में भजन गायिका शहनाज अख्तर के पांव पैजनिया व भगवा रंग चढ़ा…. गीत पर दर्शक थिरकने को मजबूर हो गए। कार्यक्रम का लुत्फ उठाने दर्शक देर रात तक कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहे। भजन कार्यक्रम में शहनाज अख्तर के भजनों पर शहरवासी जमकर झूमते नजर आए। शहनाज ने सहयोगी कलाकारों के साथ मंच पर प्रस्तुति दी। शहनाज अख्तर द्वारा गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके बाद मीठे रस से भरी हो राधा रानी लागे भजन की प्रस्तुति दी। शहनाज अख्तर का सबसे प्रसिद्ध भजन मुझे चढ़ गया भगवा रंग, तकदीर मुझे ले चल महाकाल की नगरी में, जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे पर युवाओं के साथ महिलाओं व युवतियों ने जमकर नृत्य किया। इसके साथ ही तुम्हारे द्वार है, गणराया से किया। इसके बाद ये पांव पैजनियां, पांव पैजनियां…, भोले हो गए टनाटन.., उनके हाथों में लग जाए ताला.., मेरी मैया की चुनर उड़ी जाए.. सहित अनेक गीतों की प्रस्तुति दी।
प्रतिदिन खेल स्पर्धाओं, कृषि कार्यशालाओं के साथ हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम
मेले में प्रतिदिन बालक-बालिकाओं की कबड्डी प्रतियोगिता, क्रिकेट प्रतियोगिता हुई। 23 मार्च गीत गायन प्रतियोगिता, 24 मार्च को नृत्य प्रतियोगिता एकल एवं युगल, 25 मार्च को भव्य डांडिया रास प्रतियोगिता, 26 मार्च को मां वाघेश्वरी मंदिर धामनगांव से शिव पर्वत बंभाड़ा तक ‘‘रन फॉर प्रकृति‘‘ का आयोजन हुआ। सायंकाल में ह.भ.प.संगीता ताई व्यवहारे पिंपले का कीर्तन एवं कांटा-कुश्ती का शानदार दंगल हुआ। जिसमें देशभर के पहलवानों ने भाग लिया। 27 मार्च को पिंटू उंगले द्वारा माता का जागरण एवं गोंधल, 28 मार्च को शाहीर प्रदीप मोहिते द्वारा प्रस्तुत पोवाड़ा का आयोजन किया गया। इसी प्रकार 29 मार्च को स्वाति पुणेकर द्वारा प्रस्तुत महाराष्ट्राचे मानकरी का आयोजन हुआ तो 30 मार्च को पुरस्कार वितरण एवं सुप्रसिद्ध भजन ‘‘ये भगवा रंग‘‘ की गायिका शहनाज अख्तर की भजन संध्या के साथ ही भक्तिमय रंगारंग कार्यक्रम हुए।
कृषि संगोष्ठी और प्राकृतिक खेती कार्यशाला का हुआ आयोजन
मेले अंतर्गत 24 मार्च से 29 मार्च कृषि संगोष्ठ, प्राकृतिक कार्यशालाएं आयोजित हुई। इसमें किसानों, उद्योगों एवं वैज्ञानिकों के मध्य समन्वय (इंटरफेस) हेतु प्रारंभिक बैठकें हुई। साथ ही प्राकृतिक खेती एवं पशुपालन का प्रशिक्षण, केले की खेती व उद्योग समस्या एवं समाधान, उद्यानिकी फसले-आम, जाम, पपीता, तरबूज व खरबूज की प्राकृतिक खेती तथा अन्न महोत्सव-मोटे अनाज की प्रदर्शनी एवं व्यंजन के कार्यक्रम, कार्यशालाएं एवं प्रशिक्षण हुआ। कार्यशाला, संगोष्ठी में देशभर के वैज्ञानिकों, विशेषज्ञयों ने किसानों को प्रशिक्षण देकर संवाद किया।
प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर किया सम्मानित
मां वाघेश्वरी मंदिर से बंभाड़ा स्थित शिव पर्वत तक रन फार प्रकृति दौड़ का आयोजन किया गया था। जिसमें बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी, खिलाडि़यों सहित युवतियों, युवकों ने भाग लिया था। इसमें प्रथम पुरस्कार 5100, द्वितीय पुरस्कार 4100, तृतीय पुरस्कार 3100 एवं चतुर्थ पुरस्कार 2100 सहित 5 अगले प्रतिभागियों को 1100-1100 रूपए पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए गए। इसी प्रकार भव्य डांडिया रास प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 15001, द्वितीय पुरस्कार 11001 एवं तृतीय पुरस्कार 7001 रूपए पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए गए। वहीं क्रिकेट एवं कबड्डी प्रतियोगिताओं में प्रथम विजेता को 55 हजार 555, उपविजेता को 22 हजार 222, तृतीय पुरस्कार 11 हजार 111 रूपए पुरस्कार स्वरूप दिए किए गए।
चैत्र नवरात्रि में 9 दिनों तक गोबर-मिट्टी से बनी कुटिया में रूकती है श्रीमती अर्चना चिटनिस
चैत्र नवरात्रि अंतर्गत पिछले 13 वर्षों की तरह इस वर्ष भी मंदिर प्रांगण में गोबर एवं मिट्टी से बनी कुटिया में रूकी। यहां प्रतिदिन आने वाले ग्रामीणों, भक्तों एवं जनता से जनसंवाद भी किया गया और उनकी समस्याएं सुनकर निराकरण किया गया। ज्ञात हो कि विगत 13 वर्षों से चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों तक यहां ग्रामीण परिवेश के आवासीय संरचना में रूकती हूँ। मां वाघेश्वरी मंदिर पर्वत पर 13 वर्ष पूर्व मात्र 13 पेड़ थे। आज यहां 7500 से अधिक पेड़ होकर वृक्ष का रूप धारण कर चुके है। जिससे अब यह पर्वत पूर्णतः हरा-भरा हो गया है। पर्वत हरा-भरा हो गया है।
सुप्रसिद्ध भजन गायिका शहनाज अख्तर के मुझे चढ़ गया भगवा रंग पर जमकर झूमे श्रोता,
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