जिला उपभोक्ता फोरम राजगढ़ के पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश योगेश दत्त शुक्ल एवं सदस्य श्रीमती सीमा सक्सेना द्वारा उपभोक्ता के पक्ष में आदेश पारित किया जाकर देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कम्पनी रिलायंस जियो पर आवेदक को बेहतर नेटवर्क उपलब्ध न करवाने के कारण हुई आर्थिक क्षति तथा परिवाद में हुए खर्च के रूप में 18000 रुपये का भुगतान करने का आदेश पारित किया गया है। साथ ही जिला फोरम द्वारा यह भी आदेश दिया गया है कि अनावेदक कंपनी आवेदक उपभोक्ता को आदेश दिनाँक से 2 माह की अवधि में बेहतर नेटवर्क उपलब्ध करवाए। नेटवर्क उपलब्ध नहीं करने की दशा में उपभोक्ता और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा उपयोग की जा रही तीनों सिमकार्ड को कम्पनी स्वयं पोर्ट करवाकर सिमकार्ड पोर्ट में हुआ खर्च भी वहन करे।
मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए राजगढ़ के वरिष्ठ अधिवक्ता जे.पी.शर्मा जो कि प्रकरण में स्वयं परिवादी भी हैं ने बताया कि देशभर में वैश्विक महामारी कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई से लेकर कार्यालयीन कार्य वर्चुअल मोड में किये जा रहे थे। जिनमें देशभर के न्यायालयों में भी सुनवाई वर्चुअल ही चल रही थी।
परिवादी जो पेशे से एडवोकेट है उसे राजगढ़ शहर में उसके खुजनेर रोड़ स्थित मकान पर कमजोर नेटवर्क मिलने के कारण अपने न्यायालयीन कार्य को करने में गम्भीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही परिवादी का एक पुत्र एवं एक पुत्री जो की इंदौर में कानून की पढ़ाई कर रहे हैं उनको भी कमजोर नेटवर्क के कारण ऑन लाइन पढ़ाई करने में बाधा उत्पन्न हो रही थी। आवेदक द्वारा घटिया नेटवर्क की परेशानी से कंपनी को शिकायत के माध्यम से अवगत भी कराया गया किन्तु कंपनी द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाकर आवेदक की समस्या का समाधान नहीं किया।
परेशान उपभोक्ता नें रिलायंस जियो दूरसंचार कम्पनी को स्वयं को आ रही नेटवर्किंग समस्या को लेकर स्वयं अधिवक्ता की हैसियत से कानूनी नोटिस दिया। जिसके जवाब में कंपनी द्वारा आवेदक के निवास पर कंपनी के अधिकारियों को भेजकर सर्वे करवाया जिसमें कमजोर नेटवर्क होना पाया गया। फिर भी कंपनी द्वारा आवेदक की समस्या का कोई निराकरण नहीं किया गया जिसके कारण
आवेदक द्वारा विवश होकर उपभोक्ता अदालत की शरण ली और कंपनी के विरुद्ध सेवा में कमी के आधार पर जिला उपभोक्ता विवाद एवं प्रतितोषण फोरम राजगढ़ के समक्ष वर्ष 2021 में परिवाद पत्र प्रस्तुत किया जिसमें फोरम द्वारा आदेश पारित किया जाकर कम्पनी को आवेदक के प्रति सेवा में कमी का दोषी पाया जाकर आवेदक अधिवक्ता के पक्ष में आदेश पारित किया गया है।
हस्ताक्षर
जे.पी.शर्मा (एडवोकेट)
स्वयं परिवादी राजगढ़।