आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक सद्गुरु श्री श्री रविशंकर जी के जन्मोत्सव के निमित्त आर्ट ऑफ लिविंग परिवार बुरहानपुर द्वारा बिती रात आयोजित महा सत्संग में 15 सौ से अधिक गुरु भक्तों ने गान ज्ञान और ध्यान के सत्संग का आनंद लिया।।बेंगलूर आश्रम से पधारे आदित्य धनोतिया ने शिव आराधना, देवी भक्ति और गुरु भक्ति के भजनों पर सभी भक्तजनों को झूमने पर विवश कर दिया ।। मेरे सर पर रख दो बाबा अपने दोनों हाथ, देना हो तो दीजिए जन्म-जन्म का साथ…भजन पर खुब तालीया बटोरी…..
इंदौर से पधारी स्वर कोकिला अनुपमा गिरीश मगरे ने..हमें रास्तों की जरूरत नहीं है, गुरुवर हमें तुम्हारे कदमों के निशान मिल गए हैं,….इस साइलेंट भजन के माध्यम से सभी भक्तजनों को गहरे ध्यान का अनुभव कराया। स्थानीय कराकर भरत रावल के अभिनंदन गीत चोक पुरावो आज मेरे पिया घर आए हैं …क्लासिकल भजन को खुब सराहा…
सत्संग के प्रारंभ में विजय दुंबानी ने गणेश वंदना के माध्यम से सत्संग की शुरुआत की। इसके पूर्व गुरु पंडित व प्रशिक्षका स्नेहा मुंगी,संगीता देवताले और दीपाली पंडित ने मंत्रचार से गुरु पूजा की।।
सत्संग के मध्यांतर में संस्था के केंद्र प्रमुख और वरिष्ठ प्रशिक्षक संतोष देवताले ने गुरु ज्ञान के संदेश का वाचन करते हुए कहा कि गुरुदेव ने सत्संग की महिमा का बहुत ही सुंदर वर्णन किया है । आपने सत्संग की महिमा बताते हुए अभिव्यक्त किया कि जिसे सत्संग करने की इच्छा हो, वह बहुत भाग्यशाली होता है, क्योंकि हमारे शरीर में जब सत्व गुण बढ़ता है, तभी हमको भजन, कीर्तन और सेवा में रुचि होने लगती है।।आपने गुरु जी के संदेश के माध्यम से यह भी कहा कि सत्संग बहुत प्रभावशाली माध्यम है, मन को शांत अवस्था का अनुभव कराने का….यह इतना प्रभावशाली है कि इससे बुरे कर्मों के बीच तक नष्ट हो जाते हैं!!
इस अवसर पर पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस ने आर्ट ऑफ लिविंग परिवार बुरहानपुर के विगत 16 वर्षों से गुरुवार सत्संग की अनवरत सेवा की भूरी भूरी प्रशंसा की।।आपने कहा कि बेंगलुरु आश्रम के बाद बुरहानपुर एकमात्र ऐसा केंद्र है, जहां विगत 16 वर्षों से प्रति गुरुवार नियमित सत्संग हो रहा है।। इस पुनीत कार्य के लिए आपने व्यक्ति विकास केंद्र बुरहानपुर के सभी सदस्यों का अभिनंदन भी किया।।
सतसंग के दौरान वरहद गुजराती समाज के अध्यक्ष मनोज तारवाला ने परिवार की ओर से इस आयोजन को इतनी भव्यता प्रदान करने में दिए गए सभी के सहयोग के लिए आभार की अभिव्यक्ति करते हुए कहा की इस भागदौड़ की जिंदगी में सत्संग एक ऐसा माध्यम है जो हमें मन की शांति प्रदान करता है ।।
रात्रि 8:00 बजे से प्रारंभ हुआ सत्संग 11:30 बजे तक चलता रहा, जिसमे मनोज लधवे, नगर निगम अध्यक्ष अनिता अमर यादव,संस्था, के फाउंडर मेंबर प्रमोद गाड़ियां, लक्ष्मण मित्तल राजेंद्र चौकसे, नरेंद्र पाटिल, सुदामा इंगले, भास्करराव चांलसे, चिंतामन महाजन, डॉक्टर सुबोध बोरले,तारिका देवी सिंह, आदित्य वीर सिंह, ओमी शर्मा, शैलेंद्र खैरनार,दिनेश पारीक, ममता मुंशी मोना दुंबानी, संजय मुंगी, राजरानी मेहता, विजय मेहता, राजेंद्र पवार, मुकेश मगरे, रविंद्र पंडित, दीपाली पंडित, आशीष कापड़िया, हिमांगी कापड़िया, सुरेश सनखेरे,भूपेंद्र जूनागढ़े, सतीश गुजराती, प्रतिभा कापड़े, निलेश ठाकुर,अनिल जडिया, धरमेनद जडिया, सहित बड़ी संख्या में संस्था के महिला पुरुष भक्तजनों ने देर रात तक सतसंग का आनंद लिया।
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