मेरी आँखो मे बसे
वो खूबसूरत ख्वाब हो तुम,
जिसे रोज देखती हूँ मैं।
मेरी छोटी-सी दुनिया के
वो अमिट कहानी हो तुम,
जिसे रोज पढ़ती हूँ मैं।
मेरी पूजा में शामिल
वो दुआ हो तुम,
जिसे रोज ईश्वर से मांगती हूँ मैं।
मेरी स्वांसों मे बसे
वो एहसास हो तुम,
जिसे रोज महसूस करती हूँ मैं।
मेरे हाथों में बनी
वो लकीरें हो तुम,
जिसे रोज इबादत करती हूँ मैं।
मेरी जीवन की
वो नायाब हकीकत हो तुम,
जिसे रोज जीती हूँ मैं।
प्रियंका साव गुप्ता
आसनसोल, पश्चिम बंगाल