न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जबलपुर के न्यायालय द्वारा आरोपी राम अवतार वर्मा को थाना मदनमहल के अपराध क्रं. 478/1997 व न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 3940/2019 अंतर्गत धारा 420, 468 के तहत 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास व कुल 2000 रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया।
घटना इस प्रकार है कि व्ही. के. जैन संभागीय अधिकारी आयुर्वेद जबलपुर संभाग ने दिनांक 23.10.1997 को एक लिखित शिकायत थाना मदन महल में किया कि कार्यालय आयुर्वेद जबलपुर में राम अवतार वर्मा जो कि मुख्य लिपिक के पद पर कार्यरत था को कार्यालयीन आदेश दिनांक 12.02.1993 के अनुसार श्री आर0ए0 वर्मा को केशियर का चार्ज दिया गया। श्री आर0ए0 वर्मा केशियर का काम करने लगे एवं कार्यालयीन आदेश के अनुसार केशियर के साथ-साथ वेतन देयक तैयार करने का कार्य भी करने लगे। दिनांक 18.02.1993 से जुलाई पेड अगस्त 1997 तक के समय में वे केशियर एवं वेतन देयक बनाने एवं आहरण करने का काम करते रहे हैं। उक्त अवधि में श्री आर०ए०वर्मा द्वारा रूपये 1,77,63,951/- का छल-कपट धोखाधड़ी कर शासकीय राशि का गबन किया गया। श्री आर०ए०वर्मा मुख्य लिपिक कार्यालय संभागीय अधिकारी आयुर्वेद जबलपुर मई 1993 से जुलाई 1997 की अवधि के मध्य बिल बनाने, बिल का भुगतान कोषालय से आहरण प्राप्त कर कार्यालय लाने एवं वितरण करने एवं केश संबंधी कार्य संपादित करते थे। इस अवधि में उनके द्वारा वेतन देयक में ग्रास एवं नेट अमाउंट के महायोग की वास्तविक राशि को बढ़ाकर कोषालय से रूपये 1,77,63,951/- की राशि अनियमित रूप से धोखाधड़ी व छल कपट के साथ आहरित कराकर गबन किया गया तथा रूपये 3,73,701/- का छल कपट व धोखाधड़ी से दोहरा आहरण कराकर राशि गबन की गई है। उक्त के आधार पर धारा 409, 420, 468 भारतीय दण्ड संहिता का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया जिसकी विवेचना के.एस. ठाकुर द्वारा की गई, विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उप-संचालक(अभियोजन) श्री विजय कुमार उईके व जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री अजय कुमार जैन के मार्गदर्शन में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती शोभना पटेल द्वारा उक्त मामले में सशक्त पैरवी की गई।
श्रीमती शोभना पटेल सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के तर्को से सहमत होते हुये न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जबलपुर के न्यायालय द्वारा आरोपी राम अवतार वर्मा को थाना मदनमहल के अपराध क्रं. 478/1997 व न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 3940/2019 अंतर्गत धारा 420 भादस में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रू अर्थदण्ड एवं धारा 468 भादस में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया।
प्रतीकात्मक छायाचित्र