बुरहानपुर- सर्व पितृ मोक्ष अमावस के अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ पर सामूहिक श्राद्ध तर्पण का कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें 100 से अधिक परिजनों ने अपने पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध तर्पण किया गायत्री परिवार द्वारा प्रतिवर्ष सर्वपितृ अमावस पर यह कार्यक्रम सामूहिक रूप से संपन्न कराया जाता है।
तर्पण के दौरान गायत्री परिवार के श्री बसंत मोंढे व कुमारी विदेशी तिवारी ने कहा कि इस दृश्य संसार में स्थूल शरीर वालों को जिस प्रकार इंद्रिय भोग , वासना , तृष्णा एवं अहंकार की पूर्ति में सुख मिलता है उसी प्रकार पितरों का सूक्ष्म शरीर शुभ कर्मों से उत्पन्न सुगंध का रसास्वादन करते हुए तृप्ति का अनुभव करता है उनकी प्रसन्नता तथा आकांक्षा का केंद्र बिंदु श्रद्धा है श्रद्धा भरे वातावरण में पितृ अपनी अशांति खोकर आनंद का अनुभव करते हैं श्रद्धा ही इनकी भूख है इसी से इन्हें तृप्ति होती है इसीलिए पितरों की प्रसन्नता के लिए श्राद्धपक्ष में श्राद्ध व तर्पण किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति पर अपने पितरों का ऋण होता है उनके उनके अनेक उपकार हम पर होते हैं उनके इन उपकारों के प्रति कृतज्ञनता व्यक्त करने हेतु श्राद्ध तर्पण का विधान शास्त्र में बताए गए हैं ।इस अवसर पर गायत्री परिवार के मेघराज महाजन, अरुण महाजन, शंकर पटेल, प्रशांत त्रिवेदी, किरण पारेख, भावनदास दुम्बानी, विजय पेशवानी, आदि उपस्थित थे।