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Tuesday, Oct 22, 2024
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पर्यावरण/ प्रकृति बुरहानपुर जिला मध्यप्रदेश समस्याएँ/ समाधान स्पेशल/ विशेष

जल संरक्षण जल संरक्षण जरूरत भी और कर्तव्य भी-अर्चना चिटनिस भी और कर्तव्य भी-अर्चना चिटनिस,नमामि गंगे अभियान के तहत बूंद-बूंद को सहेजने हेतु किया विमर्श


बुरहानपुर। पेड़, पानी और मिट्टी को सहेजने के इस महती कार्य में अपनी भूमिका हम तय करें, इस ओर मेरा निरंतर प्रयास रहा है-‘‘मैं क्या करूं, हम क्या करें और सब क्या करें।‘‘ ‘‘माता भूमि पुत्रोहं पृथिव्या‘‘ के इस भाव से हम सब मिलकर सहेजे अपनी धरती मां को, आने वाली पीढि़यों के लिए। बुरहानपुर जिला जल जीवन अभियान के तहत ‘‘हर घर नल-हर नल में जल‘‘ में देश में प्रथम स्थान पर रहा। ‘‘जल शक्ति से जल जीवन‘‘ का ध्येय जल संस्कार से ही चिरंतन बनेगा। बरसात का पानी सहेजेंगे तो भूमि में पानी होगा, भूमि में पानी हुआ तब ही तो नदियां सुजलाम रहेंगी। भूमि में और नदियों में पानी रहा तभी तो टंकियां भरेंगी, टंकियां भरी तब घर-घर में नल से जल पहुंचेगा। इस वर्ष पानी बचाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के साथ बुरहानपुर के शहरी क्षेत्र के घरों की छत से बहने वाले करोड़ों लीटर वर्षा जल को रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से जमीन में उतारने का लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए।


यह बात भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने बुरहानपुर में पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण व संवर्धन हेतु जागरूकता हेतु ’’नमामी गंगे’ अंतर्गत ’’जल संस्कार’’ के इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के प्रकृति प्रेमी व जनप्रतिनिधियों, व्यापारिक एवं सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखे। बुरहानपुर में 8 जून शनिवार 2024 को शाम 4.30 बजे इंदिरा कॉलोनी स्थित परमानंद गोविंदजीवाला ऑडिटोरियम में ‘‘जल संस्कार अभियान‘‘ अंतर्गत आयोजित होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर में पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण व संवर्धन के लिए शहर के सभी समाज के प्रतिनिधियों, शासकीय-अशासकीय संस्थानों, संगठनों, जनप्रतिनिधियों, व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों और जागरूक नागरिकों का उन्मुखीकरण कर जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए इच्छुक लोगों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न विभागों, संस्थाओं के इंजीनियर्स का उन्मुखीकरण कर तकनीकी मार्गदर्शन समिति बनायी जाएगी। लोगों को जागरूक करने के लिए शैक्षिक संस्थानों के युवा, छात्र/छात्राओं को भी कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग एवं व्यवस्था बनाने के लिए जागरूक लोगों के दल बनाए जाएंगे जो लोगों का प्लम्बर, फिटर की उपलब्धता और अन्य सामग्री के लिए समन्वय करेंगे। पूरे कार्य के दस्तावेजीकरण के लिए भी एक टीम होगी जो पूरी प्रक्रिया और किए गए कार्य का लेखा-जोखा तैयार करेगी।


विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर में पिछले दस वर्षों से जल संवर्धन और संरक्षण के लिए योजनाबद्ध तरीके से समाज को साथ लेकर ’’जल संस्कार’’ अभियान के तहत सतत् कार्य किए जा रहे हैं। जल संरक्षण की आवश्यकता और तकनीक को लेकर दो वर्ष पूर्व जिले भर से 1000 से अधिक समाज प्रतिनिधियों का उन्मुखीकरण किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप आजादी के अमृत महोत्सव के तहत बुरहानपुर के ग्रामीण क्षेत्र में 100 से अधिक तालाब का निर्माण करवा कर करोड़ों लीटर वर्षाजल संग्रहित किया गया। कई गांव में जल जागरण रैलियाँ आयोजित कर ग्रामीणों को पानी बचाने के लिए जागरूक किया गया। इस पूरे काम के दस्तावेजी करण के लिए बुरहानपुर पानी एप्प भी बनाया है। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि विगत वर्षों के अनुभव का उपयोग करते हुए सुनियोजित, स्ट्रेटेजिक, चरणबद्ध, सर्वसमावेषी, इंक्लूसीव, एप्रोच के साथ जिले के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिससे बुरहानपुर की औसत वर्षा 823 मिमी वर्षा जल को संरक्षित कर भूजल संवर्धन करना है।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर जिले का भूमिगत जलस्तर तीव्रगति से गिरता जा रहा है। निरंतर गिरते जलस्तर को संभालना शासन, प्रशासन एवं समाज की जिम्मेदारी है। संपूर्ण प्रदेष में बुरहानपुर जिले का भूमिगत जल-पुनर्भरण स्तर चिंताजनक रूप से सबसे कम है। प्रदेष का अधिकतम जल पुनर्भरण होशंगाबाद 2.22 बीसीएम, रायसेन 1.39 बीसीएम, सागर 1.22 बीसीएम, नरसिंहपुर 1.21 बीसीएम, छिंदवाड़ा 1.16 बीसीएम जबकि बुरहानपुर का मात्र न्यूनतम मात्र 0.27 बीसीएम है। वर्षा का जल पर्याप्त मात्रा में आने के बाद भी व्यर्थ बहकर चला जा रहा है। यही हमारे जल संकट का सबसे बड़ा कारण है। जिले में गत तीन-चार दषकों में छोटी-बड़ी आवश्यकता के लिए नलकूप खोदना शुरू कर दिया था। 1980 तक 33 फीट पर भूमिगत जल उपलब्ध था। आज गिरते-गिरते अब 1000-1200 फीट, कही-कही तो उससे भी ज्यादा गहराई तक भूजल स्तर पहुंच गया है।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में किए गए काम को आगे बढ़ाना होगा तथा शहरी क्षेत्र में एक प्रकार से जल संरक्षण-संवर्धन की दृष्टि से कार्य प्रारंभ किया जाना है। जिससे आगामी वर्षा ऋतु में अपनी छत, मोहल्ला, खेत व गांव में बरसने वाले पानी को सम्हालने हेतु भूमिगत जल के पुनर्भरण की दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के जल शक्ति अभियान तहत ‘‘कैच द रैन‘‘ के विचार के अनुसार कार्ययोजना बना इस भीषण व ज्वलंत समस्या के समाधान का मार्ग प्रषस्त करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव द्वारा ‘‘नमामि गंगे अभियान‘‘ को लेकर दिए गए निर्देषों का भी यथोचित अनुपालन सम्भव हो सकेगा।
बैठक को संबोधित करते हुए महापौर श्रीमती माधुरी अतुल पटेल ने बुरहानपुर वासियों से ‘‘नमामि गंगे अभियान‘‘ में सक्रिय रूप से भाग लेने का आव्हान किया है। उन्होंने कहा कि वृक्षों और जल से ही यह वसुधा समृद्ध है, यही जीवन का आधार है, अभियान अंतर्गत जल संरक्षण पर केन्द्रित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा। जनभागीदारी से नदी, तालाब, कुएं, बावड़ी की साफ-सफाई एवं वॉटर हार्वेस्टिंग कर जनसामान्य में जल के प्रति चेतना बढ़ाने के लिए गतिविधियां संचालित की जाएंगी। श्रीमती पटेल ने कहा कि नमामि गंगे अभियान को जल आंदोलन के रूप में लेकर जल स्त्रोतों का पुर्नउद्धार करें।
बैठक में नगर निगमाध्यक्ष श्रीमती अनिता अमर यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.मनोज माने, पूर्व महापौर अतुल पटेल, जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रदीप पाटिल, शाहपुर नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि वीरेन्द्र तिवारी, गिरीश शाह, जतन सेठिया, दीपक अग्रवाल, निर्मल लाठ, नरहरी दीक्षित, बलराज नावानी, ईमादउद्दीन, विजय राठौर, सैयद फरीद, कैलाश पारीख, प्रशांत पाटिल, आशीष शुक्ला, संभाजी सगरे, रूद्रेश्वर एंडोले, अशोक महाजन, अजय बालापुरकर, मनोज फुलवाणी, हेमेन्द्र महाजन, गौरव शुक्ला, रितेश सरोदे, शाकिर साहब, किशोर कामठे, सुदामा इंगले, पप्पू सेठ, डॉ.राजेश बजाज, श्रीमती अंजलि पिंपलीकर, प्रभाकर चौधरी, रवि गुप्ता, हरीश वाधवानी, मुकेश पूर्वे, अजहर-उल-हक, डॉ.मनोज अग्रवाल, डॉ.सुभाष माने, मनोज चौधरी, दुर्गेेश शर्मा, निरंजन, नागर एवं नीरज क्ककड़ सहित अन्य गणमान्य नागरिक व प्रकृति प्रेमी उपस्थित थे।

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