बुरहानपुर -2005 में, विश्व स्वास्थ्य सभा ने हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की, इस साल विश्व रक्तदाता दिवस की 20वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। ताप्ती सेवा समिति द्वारा रक्तदान दाता विवेक हकीम, तुलसी गंगराड़े,अजय बालापुरकर और समाजसेवीयो का सम्मान पत्र और पुष्पहार से स्वागत किया गया। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए समिति अध्यक्ष सरिता भगत ने कहा हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस, रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अधिक से अधिक लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है। रक्तदान एक महान कार्य है और इसका उपयोग विभिन्न चिकित्सा संबंधी स्थितियों, जैसे रक्त की कमी, एनीमिया और कैंसर समेत कई बीमारियों में इलाज के लिए किया जाता है।
समिति संरक्षक राजीव खेडकर ने अपनी बात में बताया इस साल विश्व रक्तदाता दिवस की 20वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है, जो दुनिया भर के रक्तदाताओं को उनके जीवन रक्षक दान के लिए शुक्रिया करने और रोगियों और दाताओं दोनों पर पड़ने वाले गहरे प्रभाव का सम्मान करने का एक उत्कृष्ट और सामयिक अवसर है। यह निरंतर चुनौतियों का समाधान करने और ऐसे भविष्य की दिशा में प्रगति को गति देने का भी एक सामयिक अवसर है, जहां सुरक्षित रक्त जरूरतमंदों के लिए सुलभ हो। समिति कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र सोनी ने इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया रक्तदान के इतिहास की बात करें तो साल 1940 में रिचर्ड लोअर नामक एक वैज्ञानिक ने दो कुत्तों के बीच बिना किसी दुष्प्रभाव के रक्त चढ़ाने का परीक्षण किया था। इस सफलता ने आधुनिक रक्त चढ़ाने की तकनीकों के विकास को संभव बनाया और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में रक्तदान और इसे जमा करने को एक नियमित प्रक्रिया बना दिया। वरिष्ठ समाजसेवी अताउल्लाह खान ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रकाश नाईक, जयकुमार गंगराड़े हेमलता सपकाले और साथी उपस्थित थे।