बुरहानपुर -सामान्यत: जब सरकारी स्कूलों के बारे में सुनते हैं, तो ज्यादातर मामलों में अव्यवस्थाओं की तस्वीरे देखने और सुनने को मिलती है। लेकिन बुरहानपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित एक सरकारी स्कूल के शिक्षकों की लगन ने सरकारी स्कूल की तस्वीर बदल दी है।
बुरहानपुर जिले के दरियापुर संकुल अंतर्गत शासकीय हाईस्कूल डोंगरगांव में शिक्षकों के प्रयासों से विद्यालय की व्यवस्थाओं और छवि में काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है।विद्यालय में प्रवेश करते ही लगता ही नहीं कि हम किसी सरकारी स्कूल में आ गए हैं। विद्यालय का अनुशासन और रखरखाव किसी कॉन्वेंट स्कूल जैसा ही नजर आएगा।
इस विद्यालय के प्राचार्य और अन्य शिक्षक -शिक्षिकाओ की लगन के कारण सीमित संसाधनों के बावजूद यह सब हो पाया है। विद्यालय के समस्त बच्चों को निजी स्कूलों की तरह टाई, बेल्ट दिए गए हैं, जिन पर विद्यालय का नाम दर्ज है। बच्चे प्रतिदिन गणवेश में ही आते हैं।
नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी शालाओं के पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक विषयों के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान को भी जोड़ा गया है जिसके लिए सतत एवं व्यापक अधिगम और मूल्यांकन (सीसीएलई ) कार्यक्रम पूरे मध्य प्रदेश में लागू हुआ है । सीसीएलई के अंतर्गत समस्त कक्षाओं को चार सदनों में विभाजित किया जाता है। प्रति शनिवार होने वाली गतिविधियों को प्रथम तीन कालखंड में संपन्न किया जाता है। गतिविधि में विजेता विद्यार्थियों एवं विजेता सदन को पुरस्कृत किया जाता है।
प्रत्येक शनिवार अलग-अलग गतिविधिया होती है जिसके माध्यम से विद्यार्थियों के समग्र विकास हेतु 21वीं सदी के 12 कौशलों का निर्माण विद्यार्थियों में किया जाता है। सीसीएलई की गतिविधि जुलाई माह से प्रारंभ होकर जनवरी कुल सात माह तक चलती है प्रत्येक माह की गतिविधि में प्रथम शनिवार लेखन कौशल, द्वितीय शनिवार वक्तृत्व कौशल, तृतीय शनिवार प्रश्नोत्तरी तथा चतुर्थ शनिवार कला एवं प्रदर्शन की गतिविधियां प्रत्येक शाला में आयोजित होती है।
प्रत्येक जिले का जिला नोडल तथा प्रत्येक विद्यालय का CCLE प्रभारी नियुक्त होता है। बुरहानपुर जिला CCLE प्रभारी एवं प्रभारी प्राचार्य श्री जगदीश पाटील के नेतृत्व में शिक्षकगणों श्रीमती आशा मराठे, श्रीमती पूनम संघवी,श्री शांताराम निम्भोरे, श्री जयेश परकाडे, द्वारा उनकी शाला शासकीय हाई स्कूल डोंगरगांव में प्रभावी तरीके से सीसीएलई गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। जिले की एकमात्र शासकीय शाला जहां पर बच्चे प्रत्येक बुधवार एवं शनिवार को हाउस ड्रेस में उपस्थित होते हैं।