हर साल सरकार यह तो दावा करती है कि स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा और मनमानी करने पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी… लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट रहती है और हर बार की तरह इस बार भी कई निजी स्कूलों ने पालकों को सूचित कर दिया है कि वे निर्धारित स्थानों से ही यूनिफॉर्म व कॉपी-किताबें खरीदें… इस बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले में निर्देशित किया कि निजी स्कूलों द्वारा पालकों को कोर्स की किताबें, यूनिफार्म और अन्य शिक्षण सामग्री किसी निर्धारित दुकान से खरीदने के लिए दबाव डाला तो कार्रवाई करेंगे… मुख्यमंत्री ने इस संबंध में आदेश जारी करने के लिए मुख्य सचिव को आदेशित भी किया… वहीं स्कूली शिक्षा विभाग ने जिला कलेक्टरों को पत्र भी भेज दिया है… मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं, जिसके तहत स्कूल संचालक पर 2 लाख तक का जुर्माना भी ठोका जा सकता है… अगर कोई स्कूल संचालक ऐसी मनमानी करता है तो गुप्त रूप से इसकी शिकायत शासन-प्रशासन के समक्ष की जा सकती है… अब देखना होगा इस आदेश का जमीनी स्तर पर क्या पालन होता है और कितनी इन निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लग पाती है..?
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