न्यायालय श्रीमान् सुधांशु सिन्हा अपर सत्र न्यायाधीश सिहोरा जिला जबलपुर (म.प्र) की न्यायालय से आरोपीगण बबलू पटेल एवं पवन चौधरी को सत्र प्रकरण क्रमांक 636/2021 में धारा- 302 सहपठित धारा 34 भादवि में आजीवन कारावास एवं 10,000 -10,000 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 201 में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000- 5000 रूपये का अर्थदण्ड तथा धारा 342 भादवि में 6 माह का सश्रम कारावास की सजा एवं 500-500 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
श्री दिलावर धुुुुर्वे विशेष लोक अभियोजक / मीडिया सेल प्रभारी सिहोरा के द्वारा बताया गया कि दिनांक 23/07/2021 को बबलू पटेल एवं पवन चौधरी ने मिलकर मेम्बर पटेल की हत्या कर दी है । सूचनाकर्ता शिवा पटेल द्वारा इस आशय की गुम इंसान रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि दिनांक 24/07/2021 को सुबह करीब 09:30 बजे वह अपने घर पर था तभी उसकी मौसी मंजू पटेल का फोन आया कि मौसिया मेम्बर पटेल जो दिनांक 23/07/2021 को सुबह करीब 09:00 बजे घर से ग्राम लखनपुर खेती के काम से जाने का कह कर घर से निकले थे जो आज दिनांक 24/07/2021 तक वापस घर नहीं आए, इस आधार पर गुम इंसान रिपोर्ट पंजीबद्ध कर गुमशुदा व्यक्ति का पंजीकरण किया गया। विवेचना दौरान संदेही बबलू उर्फ बल्लू पटेल से पूछताछ की गई जिसने बताया कि दिनांक 23/07/2021 को दोपहर करीब 01:00 बजे उसे ग्राम लखनपुर वाले गैरेज में खेती के काम को लेकर मेम्बर आया था तब उसने मृतक मेम्बर पटेल से पुराने उड़द के रूपये मांगा तो मेम्बर पटेल रूपये नहीं देने को बोला और उससे विवाद करने लगा तब बबलू पटेल ने अपने साथियों के साथ मिलकर मृतक मेम्बर पटेल के गले में रस्सी व गमछा से गला घोंटकर मेंबर पटेल की हत्या कर दी। उक्त घटना के आधार पर अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया जिसकी विवेचना निरीक्षक गिरीश धुर्वे द्वारा की गई विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
उपसंचालक (अभियोजन) श्री विजय कुमार उईके व जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री अजय कुमार जैन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक/सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री दिलावर धुर्वे द्वारा उक्त मामले में सशक्त पैरवी की गई।
श्री दिलावर धुर्वे विशेष लोक अभियोजक/ सहायक जिला लोक अभियोयजन अधिकारी के तर्को से सहमत होते हुये माननीय न्यायालय द्वारा प्रत्येक आरापीगण बबलू पटेल एवं पवन चौधरी को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 10,000 -10,000 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 201 में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000/-रूपये का अर्थदण्ड तथा धारा 342 भादवि में 6 माह का सश्रम कारावास की सजा एवं 500/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
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