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Saturday, Sep 21, 2024
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जानिएं कब है करवा चौथ का त्यौहार, करवा चौथ के दिन का महत्व और इतिहास ?

हिन्दू धर्म में करवा चौथ बड़े व्रत-त्‍योहारों में से एक है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की अच्‍छी सेहत और लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. करवा चौथ व्रत का बहुत अधिक महत्व है. करवा चौथ का एक व‍िशेष महत्‍व है. यह पत‍ि-पत्‍नी के रिश्‍ते को बेहतर बनाने और एक दूसरे के लिए उनके महत्‍व को समझने का मौका भी माना जा सकता है. पति की लंबी आयु के लिए सोलह श्रृंगार कर चंद्रदेव और करवे की पूजा करती हैं. अब सवाल यह उठता है कि करवा चौथ कब मनाते हैं. तो जैसा कि आप नाम से समझ सकते हैं ये चौथ के दिन मनाया जाता है. करवा चौथ हर साल कार्तिक माह
 के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है.

करवा चौथ तिथि और शुभ मुहूर्त

इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर मंगलवार को रात नौ बजकर तीस मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर को रात नौ बजकर उन्नीस मिनट तक है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार करवा चौथ्र का व्रत 1 नवंबर बुधवार को रखा जाएगा.  करवा चौथ की पूजा 1 नवंबर को शाम पांच बजकर चौवालीस मिनट से सात बजकर दो मिनट तक की जा सकती है. उस दिन चंद्रोदय आठ बजकर छब्बीस मिनट पर होगा.
करवा चौथ 2023 में कब निकलेगा चांद |

चांद निकलने का समय : व्रत खोलने के लिए चंद्रोदय का समय सगभग रात 8:26

कैसे मनाते हैं करवा चौथ का व्रत

इस दिन विवाहित स्‍त्र‍ियां अपने पत‍ि की लंबी उम्र के लिए पूरा दिन निर्जला रहते हुए व्रत रखती हैं. व्रत शुरू होने से पहले सास के हाथों से सरगी ली जाती है, जिसके बाद से इस व्रत की शुरुआत मानी जाती है. इसके बाद रात के समय चंद्रदेव को अर्घ्य देने के बाद ही जल ग्रहण किया जाता है और व्रती महिलाएं  पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं. 

करवा चौथ के दिन पूजा विधि |

करवा चौथ के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें.  पूरे दिन निर्जला व्रत रखें. पूजा की सामग्री एकत्र कर लें. मिट्टी से गौरी और गणेश बनाएं. माता गौरी को सुहाग की चीजें चूड़ी, बिंदी, चुनरी, सिंदूर अर्पित करें. करवा में गेहूं और उसके ढक्कन में चीनी का बूरा रखें. रोली से करवा पर स्वास्तिक बनाएं. शाम में गौरी और गणेश की पूजा करें और कथा सुनें. रात्रि में चंद्रमा को देख पति से आशीर्वाद लें और व्रत का पारण करें.

करवा चौथ के दिन का महत्व और इतिहास

मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने के कारण माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाया था. यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अखंड सुहाग के लिए रखती हैं.

कैसे तैयार करें करवा चौथ का भोग 

करवा चौथ में पारण के लिए कहीं हलवा पूरी और चूरमा तो कहीं आलू की सब्जी और पूरी बनाई जाती है. वहीं कहीं पर इस दिन दाल के फरे और कढ़ी भी बनती है. करवा चौथ पर हलवा, पूरी, खीर, सब्जी, मिठाई बनाई जा सकती है. इस व्रत पर जो भी खाना बनाएं उसमें लहसुन और प्याज का इस्‍तेमाल न करें. भोग लगाने के लिए आप घी और गुड़ ले सकती हैं. इसमें आप सबसे पहले भगवान गणेश जी को भोग की थाली तैयार बनाएं. इसमें हलवा-पूरी रखना न भूलें. 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें. Publiclook24 किसी भी जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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