चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन एक महिला भक्त ने अपनी जीभ काटकर देवी माँ के चरणों में अर्पित कर दी… मामला, जबलपुर के गौरी घाट के थाना अंतर्गत संजय गांधी नगर से सामने आया है… महिला की बहू रमा ने मीडिया को बताया कि मम्मी पूजा कर रही थीं… इस दौरान उन्हें माता जी आईं, तो उन्होंने ब्लेड से जीभ काटकर एक पान के पत्ते में रख चढ़ा दी…. जब मैंने कहा कि डॉक्टर को दिखा दिया जाए, तो वे बोलीं – इसकी जरूरत नहीं, माँ ने मुझसे कहा है – तेरी जीभ वापस लौटकर आएगी… फिलहाल परिजनों ने जीभ को प्लेट से ढांककर रख दिया है… इस तरह के मामलों में सिविल सर्जन पीएन वर्मा मीडिया को जानकारी देते हैं कि जीभ काटने से अधिक रक्त स्त्राव होता है, लेकिन उससे जान नहीं जाती… हालांकि बोलने और खाने में परेशानियां होती है… कुप्रथा बताते हुए वर्मा कहते हैं कि आज भी लोग इसे आस्था-मान्यता मानते हुए जीभ के अगले हिस्से को काट लेते हैं… डॉक्टर की मानें तो 2 घंटे में जीभ को जोड़ा जा सकता है, लेकिन इसके चांसेस बहुत ही कम रहते हैं… इधर, इस घटना के बाद परिवार और आसपास के लोगों ने भजन-कीर्तन शुरू कर दिए और महिला घर में बने इस मंदिर के पास ही लेट गई..!
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