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Saturday, Sep 21, 2024
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अपराध/ आरोप / क्राईम न्यायालयियन समाचार बुरहानपुर जिला मध्यप्रदेश

नेपानगर के तत्कालीन सीएमओ के ड्राइवर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रकरण में न्यायालय ने दिया 4 वर्ष सश्रम कारावास, बुरहानपुर जिले में भ्रष्टाचार के मामलें में पहली सजा

बुरहानपुर-प्रकरण में पैरवीकर्ता जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री कैलाशनाथ गौतम द्वारा अभियोजित महत्वपूर्ण बहुचर्चित लोकायुक्त इंदौर द्वारा दर्ज अपराध क्रमांक 492/2014 अन्‍तर्गत धारा 7, 13(1)डी , 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रकरण में मा. प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री तपेश कुमार दुबे के न्यायालय द्वारा आरोपीगण- अनिल गावन्डे पिता श्री अन्ना गावन्डे नगर पालिका परिषद् नेपानगर जिला बुरहानपुर को धारा- भ्रष्टााचार निवारण अधिनियम 1988 की 13(1)डी , सहपठित धारा 13(2) के अन्तगर्त 4 वर्ष सश्रम कारावास और कुल 2000/- रूपयें के अर्थदण्ड से दंडित किया गया ।

जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री कैलाशनाथ गौतम ने बताया कि,घटना दिनांक 13-11-2014 को ओवदक श्री अजय ओसवाल पिता श्री पुखराज ओसवाल निवासी म.न.पी 8 कंवर कालोनी बड़वाह जिला खरगोन ने लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में उपस्थित होकर एक टाईपशुदा शिकायत आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक के समक्ष इस आशय का पेश किया कि आवेदक नगर पालिकाओं में सप्लाई का कार्य करता है। उसने नगर पालिका परिषद् नेपानगर जिला बुरहानपुर में स्वाच्छता सामग्री जल संधारण व विद्युत सामग्री सप्लाई हेतु ठेका ले रखा है। उसने दिनांक 01-10-2014 को लगभग 1,80,000 -रू. का सामान नगर पालिका परिषद् नेपानगर में सप्लाई किया था, जिसके बिल का भुगतान 4 प्रतिशत वेट टेक्स व टीडीएस काटकर लगभग 1,75000/-रू. के आसपास बनता है, जिसका भुगतान करने के लिये आवेदक सीएमओ श्री सुधाकर कुबड़े से एक माह पूर्व मिला था तो उन्होंने भुगतान हेतु आवेदक को प्राप्त होने वाले रूपयों में से 27 प्रतिशत राशि रिश्वत के रूप में एवं 5 प्रतिशत राशि पृथक से उनके लिए इस प्रकार 32 प्रतिशत राशि लगभग 56000/-रू. रिश्वत की मांग आवेदक से की थी। जिसकी शिकायत फरियादी अजय द्वारा लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में की गयी थी तत्पश्चात प्रकरण में फरियादी को उक्त लोकायुक्त पुलिस द्वारा शासकीय मोबाईल नगरपालिका अधिकारी से रिश्वत की मांग की रिकार्डिंग के लिए दिया गया था जिसमें उसके द्वारा सीएमओ कुबड़े से बातकर रिश्वत की मांग की रिकार्डिंग की थी तत्पश्चात लोकायुक्त पुलिस द्वारा ट्रेप की कार्यवाही का आयोजन किया गया था तथा फरियादी द्वारा जो नोट रिश्वत में आरोपी को दिये जाने थे उन पर पावडर आदि लगाकर कार्यवाही प्रारंभ की गयी तथा आरोपी को ट्रेप करने हेतु लोकायुक्त पुलिस मय ट्रेपदल एवं फरियादी के नेपानगर पहुंची तथा जब फरियादी अजय ओसवाल रिश्वत देने पहुची सीएमओ कुबड़े के पास पहुंचा तो उन्होंने रिश्वत की राशि 12000 रू. अपने ड्राईवर दैनिक वेतन भोगी वाहन चालक अनिल गावान्डे को रिश्वत राशि देने के लिए कहां तब फरियादी द्वारा रिश्वत की राशि अनिल गावान्डे को दी गयी जिस संबंध में तत्काल लोकायुक्त पुलिस द्वारा अनिल गावान्डे एवं सुधाकर कुबड़े को पकड़कर कार्यवाही की तत्पश्चात विवेचना पूर्णकर अभियोजन स्वीकृति आरोपी अनिल गावान्डे के विरूद्ध प्राप्त होने से उसके विरूद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय बुरहानपुर में प्रस्तुत किया गया तथा आरोपी सुधाकर कुबड़े के विरूद्ध प्राप्त न होने से विवेचना धारा 173(8) द.प्रं.सं. के अन्तंर्गत लंबित रखी गयी है।

प्रकरण में विवेचना लोकायुक्त संगठन इंदौर के निरीक्षक श्री अनिलसिंह चौहान द्वारा की गयी है तथा प्रकरण में पैरवी लोकायुक्त संगठन की ओर से विशेष लोक अभियोजक एवं जिला अभियोजन अधिकारी श्री कैलाशनाथ गौतम द्वारा की गयी है प्रकरण में जिले में लोकायुक्त द्वारा की गयी कार्यवाही के आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत पहली बार किसी आरोपी को सजा हुई हैं।

प्रतीकात्मक छायाचित्र

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