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उच्च न्यायालय से बुरहानपुर जिले की शिक्षिका को मिला न्याय, बहाली के साथ 10 लाख रुपये वेतन एवं खर्च देने के दिये आदेश

बुरहानपुर- जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के प्रैक्टिसिंग एडवोकेट मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने आज 13/10/ 2023 को महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए मिडिल स्कूल टीचर श्रीमती माधुरी प्रजापति को पुनः नौकरी पर बहाल करने का आदेश पारित करते हुए सभी परिणामिक खर्च सहित बीते लगभग 2 साल की सैलरी लगभग 10 लाख ₹ भी देने का आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता श्रीमती माधुरी प्रजापति की ओर से हाई कोर्ट में पैरवी कर रहे अधिवक्ता श्री मनोज अग्रवाल ने बताया कि उनकी मुवक्किल श्रीमती प्रजापति का मिडिल स्कूल टीचर के पद पर चयन एवं नियुक्ति होने के पश्चात उनकी “ग्राम-नावरा जिला बुरहानपुर” मिडिल स्कूल में न केवल नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए थे बल्कि उन्होंने अपनी शिक्षिका के पद पर दि. 03.01.2022 को जोइनिंग भी दे दी थी,किंतु इस जॉइनिंग के दिनांक को ही म. प्र. सरकार द्वारा उनके दस्तावेज पुनः वेरीफाई करने के नाम पर “कि वे मांग से ज्यादा शिक्षित है अर्थात संबंधित विषय में ग्रेजुएट के बजाय पोस्ट ग्रेजुएट है” ऐसा कहते हुए मिडिल स्कूल टीचर के पद पर उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी थी । अपनी नियुक्ति निरस्ती के इसी आदेश दि.18.02.2022 को श्रीमती माधूरी प्रजापति बुरहानपुर ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में अपने अधिवक्ता मनोज कुमार अग्रवाल एंड टीम के माध्यम से चुनौती दी थी जिसमें उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ (बेंच – श्री जस्टिस सुबोध अभ्यंकर) द्वारा मध्य प्रदेश सरकार का जवाब लेकर दोनो पक्षों की बहस सुनने के बाद आज अंतिम आदेश पारित करते हुए राज्य सरकार के उक्त आदेश 18.02.2023 को निरस्त कर दिया तथा श्रीमती प्रजापति को उनकी मिडिल स्कूल टीचर के पद पर पदस्थापना को पुन: बहाल कर दिया और साथ ही विगत लगभग 2 वर्षों का पूरा खर्च एवं तनख्वाह (लगभग 10 लाख रूपए) देने का आदेश पारित किया। अपनी क्लाइंट श्रीमती माधुरी प्रजापति के पक्ष में माननीय हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के विद्वान न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पर पैरवी कर्ता अधिवक्तागण श्री मनोज अग्रवाल, श्रीमती अनिता, श्रीमती दीक्षा ने कहा कि,उन्हें खुशी है कि वे अपनी महिला पक्षकारा को माननीय उच्च न्यायालय के माध्यम से समुचित न्याय दिलाने के उद्देश्य में सफ़ल हुए हैं। उन्हें खुशी है कि अपने पक्षकार की पीड़ा को समझ कर उसे न्याय दिलाने के लिए एक वकील के रूप में अपनी महती भूमिका निभा सके हैं।

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