खंडवा श्री दादाजी दरबार में गुरू पूर्णिमा पर्व मनाने देशभर से श्रद्धालु पहुंच गए हैं। तीन दिवसीय दादाजी मेले में करीब पांच लाख श्रृद्धालु समाधि पर मत्था टेंककर स्वयं धन्य महसूस करेंगे। दादाजी दरबार कई मायने मे अद्वितीय, अलौकिक, अदभूत है। वास्तव में खंडवा ही है जो गुरू पूर्णिमा सच्चे अर्थों में मनाता है क्योकि यहां गुरू ओर षिष्य की समाधि पूरी मर्यादा के साथ एक ही जगह पूजी जाती है।
आज जब बाजारवाद हावी है, ऐसे में खंडवा के दादाजी दरबार में कोई भी वीआईपी दर्शन सुविधा नहीं
दरबार में इनकी समाधि
दादाजी दरबार में बड़े दादाजी की समाधि, छोटे दादाजी की समाधि, विषाल धूनी, अखंड ज्योति, अमूल्य दर्षन, दादाजी द्वारा उपयोग की गई कारे दर्शनीय है। जिस तरह जगन्नाथ का भात प्रसाद प्रसिद्ध है वैसे ही खंडवा के दरबार का टिक्कड़ प्रसाद प्रसिद्ध है, जो दादाजी के समय से वितरित किया जाता है। आज भी चूल्हे पर ही बनता है, जिसे भक्त पूरी आस्था और उत्साह से पाते है।
1951से श्री दादाजी की सेवा में लगी है पटेल सेवा समिति
विदेशी भी मंगाते श्री दादाजी का टिक्कड प्रसाद 1 महीने तक रहते है सुरक्षित
खंडवा पटेल सेवा समिति के 60 कमरे भक्तों के लिए खुले, 22 क्विंटल आटे से बना रहे टिक्कड़ की प्रसादी
72 साल से दादाजी के सेवा में समर्पित है समिति,साल भर 25 से अधिक सेवादार जुटे रहते हैं सेवा में
पूर्णिमा पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा के लिए पटेल सेवा समिति ने 60 कमरे खोल दिए हैं। 1951 से श्री दादाजी महाराज की सेवा में पटेल सेवा समिति जुटी हुई है। समिति के सेवादार भगवान को नैवेद्य (प्रसादी) चढ़ाते हैं।
समिति प्रमुख मदन ठाकरेने बताया गुरु पर्व के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।समिति की ओर से बनाए गए कमरे भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। पर्व के लिए 22 क्विंटल आटे से टिक्कड़ की प्रसादी बनाई जा रही है। समिति मंदिर में वर्षभर सेवा करती है। श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण किया जाता है। सेवा के लिए गुरु पर्व पर 300 से अधिक सेवादार समिति में काम कर रहे हैं।
समिति के प्रमुख ठाकरे ने बताया सादे मोटे आटे,नमक व पानी से बना टिक्कड़ एक महीने तक सुरक्षित रहता है। सामान्य दिनों में एक क्विंटल आटे के टिक्कड़ बनते हैं। जबकि पर्व के दौरान 22 क्विंटल तक निर्माण होता है। ठाकरे ने बताया पर्व के दौरान महाराष्ट्र, गुजरात सहित देशभर के श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और टिक्कड़ का प्रसाद अपने साथ ले जाते हैं। जो श्रद्धालु विदेश में रहने चले गए वे भी टिक्कड़ की प्रसादी परिचितों के माध्यम से बुलवाते हैं।
| एक महीने तक सुरक्षित रहता है टिक्कड़, श्रद्धालु विदेश भी बुलवाते हैं यह प्रसाद
कहां भंडारे में क्या बांटी जाएगी प्रसादी
गांधी भवन कार्नर : जेपीबी क्लब द्वारा श्रद्धालुओं को अलग-अलग समय में दिल्ली की चाट, डोसा, मालपुआ, रबड़ी, पुलाव, जलेबी, मैंगो शेक, फालूदा, आइसक्रीम, इडली सांभर और घेवर रबड़ी प्रसादी का वितरण किया जाएगा। यहां 2 जुलाई सुबह से 3 जुलाई रात 12 बजे प्रसादी का वितरण किया जाएगा।