बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी)अगर जिंदगी में हर पल हम तनाव को महसूस करते हैं, तो मन की इस अशांत अवस्था के लिए कोई दूसरा जिम्मेदार नहीं है, क्योंकि हम भूतकाल को लेकर क्रोधित और भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं और इसी कारण हमारा मन अशांत रहता है।तनाव रहित जीवन जीने का पहला महत्वपूर्ण सिद्धांत यही है कि वर्तमान में जिए, क्योंकि वर्तमान क्षण अटल है।उक्त उद्गार आर्ट आफ लिविंग संस्था के वरिष्ठ प्रशिक्षक और केंद्र प्रमुख वरिष्ट एडवोकेट संतोष देवताले ने विगत 6 दिवस से सुंदर नगर पांच पांडव मंदिर के पास स्थित श्री श्री ज्ञान मंदिर सभागार में चल रहे हैप्पीनेस प्रोग्राम बेसिक कोर्स में प्रतिभागियों को जीवन जीने की कला के गुर सिखाते हुए कही। आपने कहा हमारा वास्तविक जीवन वर्तमान में ही है। क्योंकि ना तो भूतकाल हमारे हाथ में है और न भविष्य काल हमारे हाथ में, जीवन का वास्तविक आनंद लेना चाहते हैं तो वर्तमान में जिए । आपने आगे कहा की जीवन में जो कुछ भी करें वह 100% करें, क्योंकि जब आप अपने काम के प्रति 100% होते हैं तो फिर उसके परिणाम को लेकर आपको कोई पछतावा नहीं होता।।
विगत 23 मई मंगलवार से प्रारंभ हुए शिविर का रविवार 28 मई को बडी संख्या में साधकों की उपस्थिति में गरिममय समारोह में समापन हुआ।।इस अवसर पर प्रतिभागियों ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि शिविर में सिखाई जाने वाली सुदर्शन क्रिया इस सृष्टि का अनमोल उपहार है। डॉक्टर विशाखा भोले ने कहा कि इस शिविर ने मेरे जीवन जिने के दृष्टिकोण को बदल दिया है। मैं अब जिंदगी के हर पल का आनंद ले सकती हूं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट अक्षय जैन ने इस शिविर में सिखाई जाने वाली ध्यान की प्रक्रिया दिशा प्राणायाम और गुरु ज्ञान की चाबीयों को सांसारिक जीवन की आम समस्याओं का सटीक समाधान बताया।अभी-अभी बैंक से सेवानिवृत्त हुए शाखा प्रबंधक पुष्पेंद्र जैन ने कहा कि इस शिविर को करने के बाद सेवा निवृत्ति के बाद का जीवन मस्ती के साथ जीने की आस जगी है।हर व्यक्ति को इसका अनुभव लेना चाहिए।आज के इस आयोजन में बैंक ऑफ बड़ौदा के दिगंबर चितारे, बलराम सुगंधी, आईआईटी.के स्टूडेंट राहुल सुगंधी, प्रिया भावसार, शुभम पवार,राजेंद्र चौहान, अनीता चौहान ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा की सेवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत आज हमने पहली बार निस्वार्थ सेवा का साक्षात अनुभव लिया है। प्रतिभागियों की पांच अलग-अलग टीम के सदस्यों ने शासकीय नेहरू चिकित्सालय, बुरहानपुर रोटी बैंक द्वारा संचालित वृद्धाश्रम, मुक बधिर विद्यालय, और मंदिरों की सफाई के माध्यम से लोगों के बीच पहुंचकर सेवा का महत्व समझा। आज के आयोजन में प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षका दीपाली पंडित, रविंद्र पंडित, विजय दुंबानी भी मौजूद थे। शिविर के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि एप्पल हॉस्पिटल के जाने-माने आर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर भोले, संस्था के फाउंडर सदस्य लक्ष्मण मित्तल, योगेश श्राफ, इंजीनियर निलेश कपड़िया, मोना दुंबानी विशेष रूप से उपस्थित थे। संसथा के दीपक अदमने ने इस आयोजन को सफल बनाने में दिए गए सहयोग के लिए सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि सभी प्रतिभागियों के उत्साह को देखते हुए अगला शिविर नगर वासियों के लिए 15 जून से प्रारंभ होगा।
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