पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रभारी जिलाध्यक्ष प्रमिला सगरे द्वारा बताया गया है कि मध्यप्रदेश में 6.50 लाख शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) योजना लागू है । यह नेशनल पेंशन स्कीम (एन.पी.एस.) शेयर मार्केट और एम्युटी की ब्याज दर पर आधारित है। जिसमें पेंशन की कोई निश्चित गॉरंटी नही है और ना ही इसमे प्राप्त पेंशन राशि आत्मनिर्भर जीने योग्य है ।
मध्य प्रदेश के नेताओं द्वारा बार-बार कहां जाता है कि पुरानी पेंशन योजना से सरकार पर वित्तीय भार आता है किंतु सरकार द्वारा चलाई गई वर्तमान एवं पुरानी योजनाओं से क्या सरकार को आर्थिक फायदा हो रहा है । सरकार की नीतियां जनकल्याणकारी होना चाहिए ना की लाभ या हानि के लिए बनाई जाए । दुनिया के विकासशील देश अधिक वेतनमान एवं सेवा शर्तों के कारण विकास कर रहे हैं और दुनिया भर को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं । इनके कैसे अर्थशास्त्री है जो बताते हैं कि पुरानी पेंशन से नुकसान होगा जबकि कर्मचारियों को अच्छा मेहनताना दिया जाए पुरानी पेंशन दी जाए तो देश का जनता का एवं व्यवसायियों का लाभ ही होना है।
पदाधिकारी प्रमोद सातव ने बताया की नेशनल पेंशन स्कीम से प्राप्त पेंशन की राशि में महंगाई के साथ कोई वृद्धि भी नही होती। नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) योजना से सेवानिवृत्ति पर पाँच सौ, एक हजार से लेकर तीन हजार रूपये के लगभग पेंशन प्राप्त हो रही है। जिसमें आश्रित परिवार के सामने घोर वित्तीय संकट आ जाता है।
प्रवक्ता नंदकिशोर मोरे द्वारा आग्रह किया की मध्यप्रदेश के समस्त एन. पी. एस. धारी शिक्षको, कर्मचारियो, अधिकारियो की एन. पी. एस. योजना बंद कर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 को लागू करते हुये पुरानी पेंशन योजना पुनः बहाल की जावे । मध्यप्रदेश शासन के उपक्रम एवं स्वायत संस्थान सहित मध्यप्रदेश मे कार्यरत नवीन शैक्षणिक संवर्ग के शिक्षको को प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का लाभ पेंशन और ग्रेच्युटी में दिया जावे |
पदाधिकारी शालिकराम चौधरी द्वारा बताया गया कि प्रदेश स्तरीय आंदोलनों एवं कर्मचारियों के प्रदर्शनों से शासन-प्रशासन इतना भयभीत है कि अनुमति लेने के लिए भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ा हमारे देश में प्रजातंत्र होने के बावजूद भी जनता की मांगों को अनदेखा किया जा रहा है एक और तो प्रदेश के सभी नेता पुरानी पेंशन का लाभ ले रहे हैं वही जीवन भर कार्य करने वाले कर्मचारियों को नहीं दी जा रही है।
पदाधिकारी अतुल उईके द्वारा बताया गया की पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी है एवं कर्मचारियों के लिए सब कुछ है जो कर्मचारियों को मृत्यु पर्यंत सम्मान के साथ जीना सिखाती है मध्य प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन मांग करता है कि शीघ्र ही पुरानी पेंशन की बहाली की जाए जिससे हमारा बुढ़ापा आसानी से कट सके पुरानी पेंशन हमारा अधिकार है और हम इसे लेकर ही रहेंगे।
महासचिव संतोष निंभोरे द्वारा बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा न्यू पेंशन योजना की समीक्षा के लिए एक कमेटी गठित कर आम जनता एवं कर्मचारी वर्ग को गुमराह किया जा रहा है हम बार-बार कह रहे हैं कि न्यू पेंशन बहुत ही अव्यवहारिक है जिसे शीघ्र बंद कर देना चाहिए और देश के समस्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ प्रदान किया जाना देश के विकास के लिए देश के हित के लिए जरूरी है ।
उक्त रैली कार्यक्रम में संघ के शालिकराम चौधरी प्रमोद सातव नंदकिशोर मोरे साण्डू केदारे प्रमिला सगरे ज्योति पाटील संतोष निंभोरे अतुल उईके शेख बाबू मुरली पाटिल भानुदास भंगाले गणेश काकडे सरोज पाल जीवन चौधरी बाबूराव काकडे प्रमोद पाटिल गुलाबराव यावतकर प्रकाश पाटिल श्रीचंद पाटिल रतन गवई प्रह्लाद गवले गीतांजलि यावतकर भारत महाजन सुनीता सिरतुरे बबीता श्रीवंश संगीता यावतकर विद्या मेढे मंजू शाह नूतन साल्वे शारदा तायडे चारूलता जोशी इंगले मैडम रत्नप्रभा उईके सुनीता मिस्त्री ममता विजयवर्गीय आदि उपस्थित थे ।