संविदा स्वास्थ कर्मचारी संघ के प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को भोपाल के जेपी अस्पताल निरीक्षण करने पहुंचे मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को अपनी न्यायोचित मांगो के संबध में फूलमालाएं लेकर अवगत कराने के प्रयास को घेराव का अमलीजामा पहनाकर पुलिस प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए 10 से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों को गिरफ्तार कर लिया था। शनिवार देर रात 8 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों का मेडिकल करवा कर जेल भेज दिया था।
इसी के विरोध स्वरूप संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों ने आज काले कपडे, काले रुमाल आदि पहनकर काला दिवस मना कर आज विरोध जताया गया।
बता दे की संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को जेल भेजकर चौतरफा फजीहत झेल रही शिवराज सरकार अब बैकफुट पर आ गई है। जेल भेजे गए सभी आठ संविदा कर्मियों को रविवार शाम भोपाल स्थित सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है।
दरअसल, मध्यप्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी लगातार अपने नियमितीकरण और अन्य जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों ने इस घटना के विरोध स्वरूप सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। संविदा कर्मियों ने शिवराज सरकार की तानशाही का विरोध करते हुए पूरे प्रदेश में काला दिवस मनाया।
जिलाध्यक्ष रविन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों की नियमितीकरण और अन्य जायज मांगों पर विचार करे। क्योंकि मध्यप्रदेश में कोरोना काल के दौरान संविदा कर्मियों ने ही प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर कोविड पाज़िटिव मरीजों की सेवा की थी
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी संविदा कर्मियों के साथ हो रहे अत्याचार की निंदा की है। साथ ही पूर्व सीएम ने उन्हें आश्वस्त किया है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों को नियमित किया जाएगा साथ ही उनके अन्य जायज मांगों पर भी जल्द ही विचार कर उन्हें भी पूरा किया जाएगा।