शैक्षणिकमारपीट कर हत्या कारित करने वाले आरोपीगण को हुआ आजीवन कारावास by Public Look 24 TeamFebruary 18, 2022February 18, 20220328 न्यायालय जिला एवं सत्र , प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमान मोहम्मद सैय्यदुल अबरार अंसारी साहब, झाबुआ, जिला झाबुआ द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुये आरोपी मानसिंह, सोहन एवं मंगा निवासीगण पानकी, जिला झाबुआ को धारा 302/34 भा.दं.वि. में आजीवन कारावास एवं 5000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।शासन की ओर से प्रकरण का सम्पूर्ण संचालन श्री के.एस.मुवेल, उप-संचालक (अभियोजन) जिला झाबुआ द्वारा किया गया।जिला मीडिया प्रभारी (अभियोजन) सुश्री सूरज वैरागी ने बताया कि दिनांक 23.07.2020 को फरियादी द्वारा पुलिस थाना कोतवाली झाबुआ, जिला झाबुआ में रिपोर्ट लेखबद्ध करवाई कि फरियादी के पिता के साथ दो साल पहले आरोपी बहादुर, मंगा, मानसिंग एवं सोहन निवासी पानकी ने मारपीट की थी। इसी रंजिश को लेकर दिनांक 22.07.2020 के शाम के 05:00 बजे राजगढ़ झाबुआ पर बहादुर, मंगा, मानसिंग व सोहन मिले, उसे व उसके पिता रमेश व काका दिलीप को मां-बहन की गालियां दी और बोले कि कोर्ट में केस चल रहा है। तुम समझौता क्यों नहीं कर रहे हो, यह कहते हुए उसके पिता रमेश और काका दिलीप डामोर को पत्थर मारे, उसके पिता रमेश को मंगा बिलवाल ने सिर में, पीठ में पत्थर मारे तथा फरियादी के काका दिलीप डामोर को बहादुर बिलवाल ने सिर में आगे पीछे पत्थरों से मारपीट किया और फरियादी के काका दिलीप डामोर की पत्थर से मोटर साईकिल को मानसिंह बिलवाल व सोहन बिलवाल ने पत्थझर से तोड़ फोड़ कर नुकसान पहूंचाया। दिलीप को ज्यादा चोट होने से ईलाज हेतु दाहोद अस्पकताल भर्ती करवाया था और ईलाज के दौरान दिनांक 27.07.2020 को दिलीप की मृत्यु हो गई। अनुसंधान के दौरान पुलिस द्वारा आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया था एवं अनुसंधान पूर्ण कर अपराध की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण को जघन्य सनसनीखेज एवं चिह्नित घोषित किया कर अभियोग पत्र धारा 302, 323, 294, 506, 427, 34 भा.दं.वि. के तहत न्यायालय में पेश किया गया। विचारण के दौरान न्यायालय माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमान मोहम्मद सैय्यदुल अबरार अंसारी साहब, झाबुआ, जिला झाबुआ द्वारा आरोपीगण को दोषी पाते हुये आरोपी मानसिंह, सोहन एवं मंगा निवासीगण पानकी, जिला झाबुआ को धारा 302/34 भा.दं.वि. में आजीवन कारावास एवं 5000 रुपये के अर्थदण्डक से दण्डित किया गया।