बुरहानपुर- विधानसभा चुनाव में इस बार बहुत ही अलग-अलग तरीके से सभी पार्टियों में विरोध के स्वर उभर रहे हैं जहां भाजपा की तरफ से पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चटनिस को भाजपा का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा के हर्षवर्धन सिंह चौहान ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस द्वारा ठाकुर सुरेन्द्र सिंह ठाकुर शेरा को कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होने के बाद कांग्रेस के एक धडे ने इसका विरोध कर दिया था। वहीं कुछ लोग अल्पसंख्यक टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन इतने दिनों से चल रही अटकलों पर विराम लग गया सूत्रों द्वारा जानकारी के अनुसार कांग्रेस के ही कुछ लोगों ने एमआईएम का दामन थाम लिया और पूर्व नेता प्रतिपक्ष नफीस मंशा खान एमआईएम के प्रत्याशी घोषित कर दिये गये। औरंगाबाद में एमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में की इसकी विधिवत घोषणा कर दी है। अब देखते हैं कि बुरहानपुर की विधानसभा क्षेत्र में ऊंट किस करवट बैठता है? क्या अल्पसंख्यक उम्मीदवार बाजी मारता है या भाजपा के निर्दलीय उम्मीदवार अपनी सांख बचाता है। या भाजपा- कांग्रेस के उम्मीदवार अपनी परंपराओं को कायम रख पाते हैं
इस बार विधानसभा चुनाव बडे दिलचस्प होने वाले है। चर्चा यह चल रही थी कि कांग्रेस से कुछ निष्टावान कांग्रेसी बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन चुनावी समर में इतनी जल्दी बाजी पलटेगी किसी ने सोचा नहीं था। अब उन कांग्रेसियो की हालत बडी खराब हो सकती है ना तो वो कांग्रेस के उम्मीदवार के साथ खडे हो रहे हैं ना अब एमआईएम के उम्मीदवार के साथ ? अब यह वक्त ही तय करेगा कि वह कांग्रेस मे रहेंग या एमआईएम में शामिल होंगे।