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Saturday, Jul 27, 2024
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रामसे ब्रदर्स की फिल्मों में बने भूत, खौफनाक चेहरे लंबी-चौड़ी कदकाठी से हॉरर फिल्मों के डायरेक्टर्स का चहेते- आर एस मलिक यानि गोरिल्ला कौन थे ?

गोरिल्ला। हिंदी फिल्मों का एक ऐसा कलाकार, जो अपने खौफनाक चेहरे की वजह से हॉरर फिल्मों के डायरेक्टर्स का चहेता बन गया।एक ऐसा विलेन, जो अपनी बेहद लंबी-चौड़ी कदकाठी के चलते, किसी दानव जैसा दिखाई देता था। ये जिस फिल्म में नज़र आए, उसमें हीरो के साथ इनका एक फाइट सीन ज़रूर दिखाई देता था।

इस पेशकश में आज हम आपको 1985 से लेकर 1995 तक बॉलीवुड में अपनी दैत्य जैसी पर्सनैलिटी से एक्शन डायरेक्टर्स के फेवरिट रहे आर एस मलिक यानि गोरिल्ला की ज़िंदगी का किस्सा सुनाएंगे।

इनका पूरा नाम था रामफल मलिक। लेकिन लोग इन्हें आर एस मलिक कहा करते थे। आर एस मलिक का जन्म कब हुआ था, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई। लेकिन ये हरियाणा के रहने वाले एक जाट थे और अपनी जवानी के शुरूआती दौर में ये पहलवानी किया करते थे। पहलवानी में इनके गुरू थे महान गुरू हनुमान सिंह। ये गुरू हनुमान सिंह के अखाड़े में पहलवानी किया करते थे। एक कुश्ती कंपिटीशन के सिलसिले में ये एक दफा मुंबई गए थे। वहीं पर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े किसी आदमी की नज़र इन पर पड़ी। वो आदमी इनकी बेहद लंबी-चौड़ी कदकाठी और भयानक से दिखने वाले चेहरे मोहरे से खासा प्रभावित हुआ।

उन दिनों रामसे ब्रदर्स बॉलीवुड में हॉरर फिल्में बनाने के मामले में अव्वल थे। रामसे ब्रदर्स के साथ अनिरुद्ध अग्रवाल जुड़े थे। अनिरुद्ध अग्रवाल अपनी लंबी चौड़ी कदकाठी और डरावने से चेहरे के चलते रामसे ब्रदर्स की फिल्मों में भूत बना करते थे। अखाड़े में आरएस मलिक को देखने वाले शख्स को लगा, कि अनिरुद्ध अग्रवाल की तरह ही ये भी भूतिया फिल्मों में सफल हो सकते हैं। छह फीट छह इंच लंबे और 150 किलो वज़नी आर एस मलिक को जब उस आदमी ने फिल्मों में काम करने का ऑफर दिया तो इन्होंने वो ऑफर खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया।

आरएस मलिक को फिल्मों में काम करने का ऑफर देने वाले शख्स का नाम खालिद था। और उसी ने इनका नाम फिल्मों के लिए गोरिल्ला रख दिया। इनकी पहली फिल्म रही 1985 में रिलीज़ हुई जिसका नाम था एडवेंचर्स ऑफ टार्जन। ये फिल्म हेमंत बिर्जे की भी डेब्यू फिल्म थी। इस फिल्म के क्रेडिट्स में इनका नाम आरएस मलिक ही था। लेकिन आगे चलकर ये गोरिल्ला के नाम से ही मशहूर हुए। फिल्म में ये एक जंगली कबीले के सरदार के रोल में नज़र आए थे। इनकी कदकाठी कितनी विशाल थी इसका अंदाज़ा आप इस तस्वीर से लगा सकते हैं। इनका हाथ किमी काटकर के चेहरे से भी ज़्यादा बड़ा था।

गोरिल्ला ने अपने फिल्मी करियर में बॉलीवुड के लगभग हर बड़े एक्टर के साथ काम किया था। जूही चावला की पहली हिंदी फिल्म सल्तनत में भी ये नज़र आए थे। उस फिल्म सनी देओल इनके सामने किसी छोटे बच्चे जैसे दिखाई दे रहे थे। वहीं फिल्म अल्लाह रक्खा में जैकी श्रॉफ के साथ इनका फाइट सीन भी उस दौर में काफी पसंद किया गया था। इतना ही नहीं, फिल्म गंगा जमुना सरस्वती में अमरीश पुरी के साथ अखाड़े में कुश्ती करते हुए भी ये नज़र आए थे। फिल्म जादूगर में ये अमरीश पुरी के चेले बजरंगी बने थे।

गोरिल्ला ने अपने फिल्मी करियर में कई बी और सी ग्रेड फिल्मों में भी काम किया था। इन्होंने कई डरावनी फिल्मों में काम किया था। ये कई भूतिया फिल्मों में शैतान के रोल में नज़र आए थे। लेकिन उस दौर में ऐसी फिल्मों में भूतों का रोल करने वाले कलाकारों का नाम क्रेडिट में नहीं दिया जाता था। इसलिए ये कहना मुश्किल है कि इन्होंने कितनी और कौन-कौन सी भूतिया फिल्मों में काम किया था। शहज़ादे, फरिश्ते, त्रिनेत्र, तहलका, वीरता, और कई और दूसरी हिंदी फिल्मों में ये नज़र आए थे। लेकिन इनकी फिल्मों का सही रिकॉर्ड कहीं नहीं मिल पाया।

इनका चेहरा काफी हद तक मशहूर भारतीय डब्ल्यू डबल्यू ई पहलवान द ग्रेट खली से मिलता-जुलता है। इसलिए कुछ लोग ये भी दावा करते हैं कि द ग्रेट खली ही गोरिल्ला के नाम से फिल्मों में एक्टिंग करते थे। जबकी ये बात बिल्कुल गलत है। बात अगर इनकी निज़ी ज़िंदगी के बारे में करें तो साल 1987 में इनकी शादी बलविंदर नाम की महिला से हुई थी। इससे ज़्यादा कोई भी जानकारी इनकी निज़ी ज़िंदगी के बारे में नहीं मिल पाई। जब ये पहलवानी किया करते थे तो इनका एक दिन का खाने खर्च हज़ार रुपए होता था। दिनभर में ये 1 किलो बादाम खाते थे और कई लीटर दूध पीते थे। उस दौर में इन्हें कुश्ती कंपिटीशन के दौरान 4 हज़ार रुपए रोज़ मिला करते थे।

साल 1995 में ये जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर और शाहरुख खान स्टारर त्रिमूर्ति फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। इसी दौरान इन्हें गैंगरीन नाम की बेहद खतरनाक बीमारी हो गई। इनकी तबियत खराब होने लगी। खराब तबियत के बावजूद ये फिल्म की शूटिंग करते रहे। इन्होंने इलाज कराने से साफ इन्कार कर दिया। लेकिन गैंगरीन ने इनके शरीर पर अपना शिकंजा कसना जारी रखा और फिर एक दिन इन्हें बेहद तेज़ बुखार आया। वो बुखार इतना खतरनाक था कि इनका भीमकाय शरीर भी उसे नहीं झेल पाया और आखिरकार इनकी मौत हो गई। इनका रोल अनिरुद्ध अग्रवाल से कराया गया।

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