: शिक्षकों के नौकरी में बने रहने के लिए टीईटी अनिवार्य, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए अहम निर्देश

महेश मावले
Tue, Sep 2, 2025
नई दिल्ली -शिक्षक बनने या प्रमोशन के लिए TET की परीक्षा अनिवार्य, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसलासुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए कहा कि जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पांच साल से कम बची है, उन्हें सेवानिवृत्ति तक छूट दी जाएगी, लेकिन प्रमोशन के लिए उन्हें भी टीईटी पास करना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब शिक्षक बनने या प्रमोशन पाने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य होगा. कोर्ट ने कहा कि बिना टीईटी पास किए कोई भी शिक्षक न तो नई नियुक्ति पा सकेगा और न ही प्रमोशन का हकदार होगा. सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए कहा कि जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पांच साल से कम बची है, उन्हें सेवानिवृत्ति तक छूट दी जाएगी, लेकिन प्रमोशन के लिए उन्हें भी टीईटी पास करना होगा. वहीं, पुराने शिक्षकों को दो साल का समय दिया गया है, जिसमें उन्हें टीईटी पास करना अनिवार्य होगा, वरना सेवा से हटाया जा सकता है. फिलहाल यह नियम अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों पर लागू नहीं होगा.
शीर्ष कोर्ट ने निर्देश जारी किया कि जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पांच वर्ष से कम शेष है, उन्हें टीईटी उत्तीर्ण किए बिना सेवा जारी रखने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, प्रोन्नति के लिए उन्हें टीईटी उत्तीर्ण करना होगा। इसमें विफल रहने पर सेवा छोड़नी होगी या अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त होना होगा व सेवांत लाभ का भुगतान करना होगा।
सेवानिवृत्ति लाभ के लिए अर्हता के ये नियम
सेवानिवृत्ति लाभ के मकसद से अर्हता हासिल करने के लिए ऐसे शिक्षकों को नियमानुसार अर्हक (क्वालीफाइंग) सेवा पूरी करनी होगी। यदि किसी शिक्षक ने अर्हक सेवा पूरी नहीं की या उसमें कोई कमी है, तो इस मामले पर संबंधित विभाग विचार कर सकता है। बता दें कि एनसीटीई ने 2010 में कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षक नियुक्ति के लिए कुछ न्यूनतम योग्यताएं निर्धारित की थीं। इसके बाद एनसीटीई ने टीईटी की शुरुआत की थी।
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