
: अद्भुत और यादगार बन गया दो दिवसीय मालवी मेलें का कवि सम्मेलन, मालवी काव्यपाठ सुनकर मंत्रमुग्ध हुए श्रोता
Wed, Oct 8, 2025
हर साल की तरह इस साल भी आयोजित दो दिन से मालवी में लिखा शुभारंभ 4 अक्टूबर को विट्ठल रुक्मिणी गार्डन केसरबाग रोड पर किया गया। औपचारिक शुरुआत के बाद इस बार मेले का मुख्य आकर्षण रहा मालवी कवि सम्मेलन। इस मेले का आयोजन विगत सात वर्षों से अर्चना ललित मंडलोई, डॉक्टर दीपा मनीष व्यास, संगीता मनोज पंडित और विभा मनीष दुबे के साथ उनकी टीम कर रही है।डॉ. विकास दवे जी के मार्गदर्शन में साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा "भावसार बा" की स्मृति में व्याख्यान एवं रचनापाठ की रसधारा में डाॅ.शशि निगम जी, बने सिंह जी, मनोहर दुबे जी, राधेश्याम कराड़ा जी, सुभाष कुंवारा जी, राजेश रावल सुशील जी, राजेश चौहान राज, राजेश भंडारी बाबू, डाॅ.बी.एल.बेचैन, सीमा देवेन्द्र जी, सुभाष निगम, रजनीश दवे जी और वरिष्ठ कवि डाॅ शिव चौरसिया सरस काव्यपाठ किया। काव्य पाठ की शुरुआत डॉ शशि निगम की मालवी सरस्वती वंदना और शहिदों को नमन के साथ हुई।
वहीं बने सिंह जी ने पर्यावरण और देशभक्ति, मनोहर दुबे नेभेरियो और दादा संवाद और राधेश्याम कराड़ा ने छड़ी छड़ी बरखा ऐसी छड़ी
खेता में सोयाबीन सडी सुना कर समां बांध दिया तो सुभाष कुंवारा नेअटल जी को अपना साढू कुंवारा नाते बताते हुए सबको गुदगुदाया। राजेश रावल नेआज की नारी फेशन में इतरावे रे सुनाते हुए संदेश दिया वहीं राजेश भंडारी बाबू ने
कुर्ता की बांव छोटी राखो के मोटी राखो ,
आस्तीन में सांप घुसिया रे हैं सुना कर जीवन का सत्य बयां किया। डॉ.बी.एल.मालवीय 'बेचैन' ने दारू माता की आरती
और सीमा देवेन्द्र जोशी ने गांव और नारी मर्यादाओं के बाद
देशभक्ति गीत सुना कर अपनी सशक्त कलम का परिचय दिया।
मंच पर मौजूद सबसे वरिष्ठतम कवि डॉ शिव चौरसिया ने सबका मार्गदर्शन करते हुए मालवी के लिए किए गए प्रयास की प्रशंसा करते हुए अपने काव्यपाठ की शुरुआत की।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता साहित्य अकादमी के इंदौर प्रतिनिधि विजय सिंह चौहान ने की वहीं अभिषेक रविन्द्र दुबे ने अपने संचालन से सभी को मंच से जोड़े रखा। आभार मनोज पंडित ने माना।
वहीं दो दिवसीय मालवी मेलें का शुभारंभ श्री विकास दवे, श्री जयप्रकाश नाईक, श्री मनोहर दुबे के अतिथ्य में दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मालवी नृत्य , पुस्तक विमोचन, और 88 से अधिक स्टाल पर खान पान के चटखारे और साज सज्जा के सामान के साथ विभिन्न उपयोगी वस्तुओं को लेकर भी मेला घूमने आए लोगों ने विशेष रूचि दिखाई। चार और पांच अक्टूबर को आयोजित इस मेले का समाजजन सहित हर वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

: शिक्षक दिवस पर विशेष -" गुरु"
Thu, Sep 4, 2025
गुरु ज्ञानी होते हैं
पावन उनके संस्कार रामकृष्ण की बनी कहानी गुरु का ही उपकार,
झुका लूं मैं शीश अपना,
कर लूं चरण पखार,
गुरु ज्ञानी होते हैं,
पावन उनके संस्कार।।
श्रद्धा सुमिरन सेवा आपकी निर्मल अमृत धार,
झुका लूं मैं शीश अपना कर लु चरण पखार,
गुरु होते है ज्ञानी ,
पावन उनके संस्कार।।
गुरु ही गोविंद का ज्ञान कराए,
सिखाए स्नेह, ममता, प्यार,
डूबे जब नैया शिष्य की बनते
आप ही खेवनहार ,
झुका लु मैं शीश अपना
कर लु चरण पखार
गुरु ज्ञानी होते हैं
पावन उनके संस्कार।।
सुनीता चौकसे

: बुरहानपुर जिले में प्रगतिशील हिन्दी मंच का पुनर्गठन एवं साहित्यिक परिचर्चा सम्पन्न
Wed, Aug 13, 2025
बुरहानपुर - कौस्तुभ धाम कालोनी "काव्य कुंज" लालबाग रोड बुरहानपुर में प्रथम मां शारदे का स्मरण करते हुए परिचर्चा का प्रारंभ किया गया। प्रगतिशील हिन्दी मंच द्वारा समिति का पुनर्गठन एवं साहित्यिक परिचर्चा रखी गई।
इसके अंतर्गत पदाधिकारियों के नाम एवं उनके पदों का दायित्व सोंपा गया।
साहित्य समिति के पदाधिकारियों के नाम इस प्रकार हैं।
संयोजक -- डा.शिव आचार्य "हर्बल"
अध्यक्ष ---ठा. वीरेन्द्र सिंह "चित्रकार"
उपाध्यक्ष ---सुश्री सुनीता "सुमन"
उपाध्यक्ष--- श्री महेश राव मावले
सचिव --श्री शोभालाल शर्मा "शोला"
सहसचिव --श्री अश्विनी गुप्ता "नयन"
कोषाध्यक्ष --श्री हर्ष ठाकुर
प्रचा.मंत्री --श्रीमती प्रेमलता साकले"सूकून
प्रवक्ता --श्री हरीश राठौर
कार्यकारिणी सदस्य
श्रीमती सुनिता गावन्डे
श्री विनोद बारी
श्री सुनील निले
समिति के गठन के पश्चात साहित्यिक-परिचर्चा की गई जिसमें बुरहानपुर जिले में साहित्य गतिविधियों को बढ़ाने विस्तार करने के संबंध में अनेक विचार प्रकट किये।आने वाले गणेश उत्सव में कवि गोष्ठी एवं कवि सम्मेलन आयोजित करने पर भी सभी ने सहमति जताई।
सभी ने अपनी अपनी उत्कृष्ट रचनाओं का पाठ किया गया।कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष ने नवीन कार्यकारिणी पदाधिकारी एवं सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रदान करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।
संचालन -डा.शिव आचार्य "हर्बल" ने किया एवं आभार श्री हर्ष ठाकुर ने माना।